बेंगलुरु। मध्य प्रदेश में कमलनाथ के मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह विशेष योजना के साथ बेंगलुरु पहुंचे और बंधक बने लगभग 9-10 विधायकों को चंगुल से छुड़ाने में कामयाब हो गए थे लेकिन सूत्रों के अनुसार ऐन वक्त पर भाजपा के दबाव में पुलिस ने उन्हें पहले पूछताछ के लिए हिरासत में लिया और फिर रिहा कर दिया। कहा जा रहा है कि जीतू पटवारी के साथ कुछ बदसलूकी भी हुई है।
सूत्रों के अनुसार विधायक मनोज चौधरी के पिता नारायण चौधरी भी जीतू पटवारी के साथ हैं और वे इस तानाशाही से आहत हैं। जीतू पटवारी ने कहा कि बेंगलुरु में सिंधिया समर्थक कांग्रेस विधायकों को बंधक बनाकर रखा हुआ है।
ताजा अपडेट यह है कि बेंगलुरु पुलिस ने जीतू पटवारी से आवश्यक पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया है। यह नहीं पता चला है कि जीतू के साथ बंधक बनाए गए मध्य प्रदेश के कितने विधायक हैं और वे क्या मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को बचाने के मकसद में कामयाब हो गए हैं?
सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश में 16 मार्च को भाजपा ने बहुमत साबित करने को लेकर राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की। वहीं, मध्यप्रदेश में बने राजनीतिक हालात को देखते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, 19 कांग्रेस के विधायक भाजपा के कब्जे में है। फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता, क्योंकि 19 विधायकों द्वारा प्रस्तुत इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं। उन्हें शारीरिक रूप से अध्यक्ष के सामने आना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस के विधायकों को भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक पुलिस के द्वारा बंधक बनाया हुआ है। हमारे मंत्रियों जीतू पटवारी और लाखन सिंह के साथ बदतमीजी की जा रही है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों कांग्रेस के 22 विधायकों ने अपना इस्तीफा दे दिया है। 10 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का दामन छोड़ा और 11 मार्च को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी का हाथ थाम लिया।