नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को मंत्रियों को फिर यह सुझाव दिया कि वे सरकारी दस्तावेजों को सदन के पटल पर रखते समय 'विनती' शब्द का प्रयोग न करें। उन्होंने कहा कि कृपया विनती मत करिए।
आमतौर पर मंत्री सदन के पटल पर सरकारी दस्तावेज रखते समय कहते हैं कि मैं आज की कार्यसूची में मेरे नाम के समक्ष लिखे दस्तावेजों को सदन के पटल पर रखने की विनती करता हूं। नायडू ने वर्तमान शीतकालीन सत्र शुरू होने के पहले ही दिन मंत्रियों को 'विनती' करने की साम्राज्यवादी सोच को छोड़ देने की सलाह दी थी।
उन्होंने कहा था कि मंत्री कह सकते हैं कि मेरे नाम के समक्ष उल्लिखित दस्तावेज सदन के पटल पर रखने के लिए मैं खड़ा हुआ हूं। बहरहाल, शुक्रवार को जब विधि राज्यमंत्री पीपी चौधरी ने दस्तावेज रखते समय 'निवेदन' शब्द का इस्तेमाल किया तो उन्होंने अपने सुझाव की याद दिलाई।
नायडू ने चौधरी से कहा कि कृपया विनती मत करिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है कि जब पहले उन्होंने यह सुझाव दिया हो तो चौधरी सदन में उपस्थित नहीं रहे हों। बाद में जब चौधरी ने अन्य दस्तावेज सदन के पटल पर रखे तो उन्होंने इस शब्द का प्रयोग नहीं किया।
नायडू ने गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान हुए एक प्रसंग का उल्लेख किया जिसमें कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद ने कोई टिप्पणी की थी। सभापति ने कहा कि उन्होंने इस मामले पर विराम लगाने का निर्णय किया है, क्योंकि संबंधित सदस्य ने शुक्रवार सुबह उनसे मुलाकात कर कहा कि उनकी टिप्पणी तात्कालिक उत्तेजना के कारण निकल गई और वे आसन का बहुत सम्मान करते हैं। हरिप्रसाद की टिप्पणी का गुरुवार को सदन की कार्यवाही में कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर नायडू ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी तकनीक से विकसित एडवांस एरिया डिफेंस (आड) खोजी मिसाइल के गुरुवार को सफल परीक्षण पर संगठन के वैज्ञानिकों को सदन की ओर से बधाई दी। नायडू ने इसे रक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में डीआरडीओ की अहम उपलब्धि बताते हुए वैज्ञानिकों से सफलता के सिलसिले को जारी रखने की कामना की। (भाषा)