नई दिल्ली। सैन्य अभियानों में अंग-भंग होने के कारण सेवा के बाहर हुए दिव्यांग सैनिकों की पेंशन पर आयकर लगाए जाने को लेकर लोकसभा में बुधवार को हंगामा हुआ और सरकार पर सेना के दमन के आरोप लगाए गए।
पहले प्रश्नकाल में और फिर शून्यकाल की शुरुआत में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के माध्यम से यह मांग उठाने की कोशिश की। लेकिन अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि पहले सदन में नए सदस्यों को बोलने का मौका मिलेगा तत्पश्चात उन्हें बोलने दिया जाएगा। इससे कांग्रेस के सदस्यों में नाराजगी छा गई और वे आसन के सम्मुख आकर नारेबाजी करने लगे। उन्होंने 'सेना को कुचलना बंद करो', 'सेना को इंसाफ दो' और 'सेना विरोधी मोदी सरकार हाय-हाय' के नारे लगाए।
बाद में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सदन में आए और ये नारे सुनकर उनका चेहरा तनाव में दिखाई दिया। उन्होंने संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल से बातचीत की। अध्यक्ष ने मेघवाल का नाम पुकारा तो संसदीय कार्य मंत्री ने इस विषय पर अधीर रंजन चौधरी को बात कहने का मौका देने का अनुरोध किया।
इस पर अध्यक्ष ने नारेबाजी कर रहे कांग्रेस सदस्यों को उनके स्थान पर जाने को कहा और कठोर कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा कि सदन के बीचोबीच आसन के सम्मुख आकर हंगामा करने वाले सदस्यों को अंतिम मौका दिया जा रहा है, फिर उन्होंने चौधरी से अपनी बात रखने को कहा।
चौधरी ने कहा कि हाल ही में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) का एक परिपत्र जारी हुआ है और उसके मुताबिक सैन्य अभियानों या आतंकवादी हमलों में अंग-भंग होने के कारण सेवा के बाहर हुए दिव्यांग सैनिकों की पेंशन पर आयकर लगाए जाने का फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह सरकार सैनिकों के शौर्य का इस्तेमाल कर सत्ता में आई है, वह स्वयं को देशभक्त कहती है और दूसरी तरफ दिव्यांग पूर्व सैनिकों को मिलने वाले पेंशन पर भी कर लगाया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि दिव्यांग पूर्व सैनिकों के पेंशन पर कर न लगाया जाए।
इसके बाद रक्षामंत्री ने कहा कि पेंशन बढ़ने के कारण टैक्स लगाने का मामला है। रक्षा तैयारियां और सैनिकों के हित हमारे लिए सर्वोपरि हैं। सारा देश जानता है कि 40 साल से 'वन रैंक वन पेंशन' की मांग हो रही थी और कांग्रेस उन्हें गुमराह करती रही लेकिन हमने इसे लागू किया। यह पहली बार उनके संज्ञान में लाया गया है। इसकी जानकारी लेकर वे सदन को अवगत कराएंगे। (वार्ता)