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तीन तलाक के खिलाफ कानून ने मुस्लिम महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाया है : नकवी

तीन तलाक के खिलाफ कानून ने मुस्लिम महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाया है : नकवी
, शुक्रवार, 31 जुलाई 2020 (15:43 IST)
नई दिल्ली। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को कहा कि वोटबैंक के व्यापारियों ने तीन तलाक को राजनीतिक संरक्षण दिया और यह नरेन्द्र मोदी सरकार ही है जिसने इसे अपराध बनाया जिससे मुस्लिम महिलाओं में आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास बढ़ा है।
 
मुस्लिम महिलाएं (शादी पर अधिकारों के संरक्षण) अधिनियम 2019 की पहली वर्षगांठ पर एक कार्यक्रम को वीडियो लिंक के जरिए संबोधित करते हुए नकवी ने कहा कि इस कानून के लागू होने के बाद तीन तलाक के मामलों में बेहद कमी आई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार राजनीतिक सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है, न कि राजनीतिक शोषण के लिए।
केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने भी इस मौके पर मुस्लिम महिलाओं को संबोधित किया। नकवी ने कहा कि 1 अगस्त वह दिन है, जब मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की सामाजिक बुराई से मुक्ति मिली और इसे देश के इतिहास में मुस्लिम महिलाओं के अधिकार दिवस के तौर पर दर्ज किया गया।
 
कांग्रेस पर प्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि तीन तलाक या तलाक-ए-बिद्दत न तो इस्लामिक था और न ही कानूनी लेकिन इसके बावजूद वोटबैंक के व्यापारियों ने इस सामाजिक बुराई को राजनीतिक संरक्षण दिया। उन्होंने कहा कि तीन तलाक के खिलाफ कानून को 1980 में ही पारित किया जा सकता था, जब उच्चतम न्यायालय ने शाह बानो मामलों में ऐतिहासिक फैसला दिया था।
भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस के पास 545 लोकसभा सदस्यों में से 400 और राज्यसभा में 245 में से 159 से अधिक सदस्यों के साथ पूर्ण बहुमत था लेकिन राजीव गांधी सरकार ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को अप्रभावी बनाने के लिए संसद में अपनी ताकत का इस्तेमाल किया और मुस्लिम महिलाओं को उनके संवैधानिक और मौलिक अधिकारों से वंचित किया।
 
नकवी ने कहा कि मोदी सरकार ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को प्रभावी बनाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया। उन्होंने कहा कि तीन तलाक के खिलाफ कानून बने 1 साल बीत चुका है और उसके बाद से तीन तलाक के मामलों में करीब 82 फीसदी की गिरावट आई है। अगर ऐसा कोई मामला आया तो इस कानून के तहत कार्रवाई हुई।
 
इस कार्यक्रम में नई दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, वाराणसी, जयपुर, मुंबई, भोपाल, हैदराबाद और तमिलनाडु के कृष्णागिरि समेत कई शहरों की मुस्लिम महिलाओं को संबोधित किया गया। (भाषा)

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