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Kolkata Doctor Murder Case : कैसे हो डॉक्टरों और नर्सों की सुरक्षा, आंदोलनकारियों को सरकार ने क्या दिया आश्वासन

protest against kolkata violence
नई दिल्ली , शनिवार, 17 अगस्त 2024 (19:37 IST)
Kolkata murder case update : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव उपाय सुझाने के वास्ते एक समिति गठित की जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों के प्रतिनिधियों को समिति के साथ अपने सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
 
मंत्रालय ने कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विरोध में देशभर में आंदोलन कर रहे चिकित्सकों से अनुरोध किया है कि वे व्यापक जनहित में तथा डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए अपने काम पर लौट आएं।
 
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा), इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और दिल्ली के सरकारी मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने कोलकाता की घटना के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात की।
 
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विभिन्न एसोसिएशन ने कार्यस्थलों पर स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के संबंध में अपनी मांगें रखी हैं। बयान के मुताबिक, मंत्रालय ने मांगों को सुना और चिकित्सक एसोसिएशन को स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया है।
बयान में कहा गया कि एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को बताया गया कि सरकार स्थिति से अच्छी तरह परिचित है और उनकी मांगों के प्रति संवेदनशील है। इस बात का भी उल्लेख किया गया कि 26 राज्य पहले ही स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए कानून पारित कर चुके हैं।
बयान में कहा गया कि विभिन्न एसोसिएशन द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के मद्देनजर, मंत्रालय ने उन्हें स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संभावित उपाय सुझाने के वास्ते एक समिति गठित करने का आश्वासन दिया है।
 
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आईएमए ने कहा कि वह स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान का अध्ययन कर रहा है, जिसमें डॉक्टरों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन दिया गया है और इसके लिए उपाय सुझाने के वास्ते एक समिति बनाने की पेशकश की गई है।
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आईएमए ने कहा कि वह सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार करने और अपनी राज्य शाखाओं के साथ परामर्श करने के बाद इस पर प्रतिक्रिया देगा। आईएमए ने एक बयान में कहा कि आईएमए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 23 मार्च, 2017 को जारी एक कार्यालय ज्ञापन को याद करता है, जिस पर मंत्रालय के अधिकारियों और आईएमए ने हस्ताक्षर किए थे। इस कार्यालय ज्ञापन में अन्य राज्यों में लागू कानूनों के अनुरूप उक्त मुद्दे पर एक केंद्रीय अधिनियम लाने की प्रक्रिया शुरू करने की संभावना तलाशने का आश्वासन दिया गया था। इनपुट भाषा

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