तिरुवनंतपुरम। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ केरल की राज्य सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया। राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को CAA के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। यह सदन में पास भी हो गया। CAA के खिलाफ प्रस्ताव पास करने वाला केरल पहला राज्य बन गया है।
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि केरल में धर्मनिरपेक्षता, यूनानियों, रोमन, अरबों का एक लंबा इतिहास है, हर कोई हमारी भूमि पर पहुंच गया। ईसाई और मुसलमान शुरुआत में केरल पहुंचे। हमारी परंपरा समावेशी है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि केरल में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बनेगा। प्रस्ताव में नागरिकता कानून को वापस लेने की भी मांग की गई।
विधानसभा में कांग्रेस, सीपीआई (एम) ने सरकार द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का समर्थन किया। बीजेपी विधायक ओ राजगोपाल ने प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि राजनीति की संकीर्ण मानसिकता का प्रतीक है।
CAA को लेकर कई गैर भाजपा शासित राज्यों के विरोध के बीच केंद्र ने सोमवार को कहा था कि राज्यों को कानून लागू करना होगा क्योंकि संसद ने इसे मंजूरी दी है। संसदीय कार्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने CAA पर केंद्र के साथ भाजपा के दृष्टिकोण से अवगत कराने के लिए कहा कि संविधान के तहत राज्यों को CAA लागू करना होगा।