सेना ने एक पत्थरबाज को जीप से बांधने से जुड़े मामले में कहा कि उन्होंने ऐसा पथराव से बचने के लिए किया था। सेना ने कहा कि किसी नुकसान से बचने के लिए पत्थरबाज को जीप से बांधा था। सेना के मुताबिक 500 लोगों ने वीरवाह मतदान केंद्र को घेर लिया था और ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाना पड़ा था।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक सेना ने रविवार को कहा, 'पथराव से बचने के लिए पत्थरबाज को जीप से बांधा।' ऐसी उम्मीद की जा रही है कि सेना इस मामले में आज कभी भी आधिकारिक बयान जारी कर सकती है।
इसके बाद कुछ युवकों की पिटाई करते जवानों के वीडियो सामने आए थे। जिनमें सेना के जवान युवकों की पिटाई करते और उन्हें पाकिस्तान विरोधी नारे लगाने को मजबूर करते दिख रहे हैं। सेना ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए उन दो वीडियो की सच्चाई का पता लगाने और उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्य पुलिस से इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। सेना ने भी मामले की आतंरिक जांच शुरू कर दी थी।
बाद में इसकी जांच में युवक की पहचान सामने आई थी। कश्मीरी युवक की पहचान फारूक दार के रूप में हुई थी. जबकि इसमें शामिल आर्मी यूनिट की पहचान 53 राष्ट्रीय राइफल्स के तौर पर। हालांकि दूसरे वीडियो के बारे में अभी खुलासा नहीं हुआ।
शुक्रवार (14 अप्रैल) को सोशल मीडिया पर एक अन्य वीडियो वायरल हुआ था जिसमें पथराव करने वालों को काबू में रखने के लिए सेना के जवानों ने एक युवक को जीप के आगे बांध दिया था और उसे बडगाम जिले के कई गांवों में घुमाया गया था।
शनिवार (15 अप्रैल) सामने आए वीडियो में से सेना के चार जवान पुलवामा डिग्री कॉलेज के एक छात्र को कथित तौर पर जमीन पर गिराकर बेंत से उसकी पिटाई करते दिख रहे हैं। दूसरे वीडियो में तीन युवक सेना की हिरासत में सेना के एक वाहन में दिख रहे हैं और एक जवान उन्हें पाकिस्तान को कोसने और 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' जैसे नारे लगाने को मजबूर करता नजर आ रहा है।
वीडियो में जवान युवकों को थप्पड़ मारने और डंडे से उनकी पिटाई करने से पहले पूछता है, 'आजादी चाहिए तुमको।' सेना के वाहन में बैठे युवकों में से एक के माथे से खून बहता दिख रहा है। ये वीडियो किसने बनाए हैं यह पता नहीं चला है।