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अपने राजनीतिक गुरु के पास ही बनेगी करुणानिधि की समाधि

अपने राजनीतिक गुरु के पास ही बनेगी करुणानिधि की समाधि
, बुधवार, 8 अगस्त 2018 (12:36 IST)
चेन्नई। प्रसिद्ध मरीना बीच द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि की जीवनयात्रा का अंतिम स्थान होगा। मद्रास उच्च न्यायालय ने आज उन्हें बीच पर दफनाने का रास्ता साफ कर दिया। मरीना बीच पर करुणानिधि को दफनाने के लिए स्थान देने की द्रमुक की याचिका पर विशेष सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया कि इसमें कानूनी अड़चनें हैं।


कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एचजी रमेश और न्यायमूर्ति एसएस सुंदर की पीठ ने कहा कि स्थान आवंटित न करने में कोई कानूनी बाधा नहीं है। याचिकाकर्ता द्वारा दी गई रूपरेखा के अनुसार, सम्मानजनक रूप से दफनाने के लिए फौरन एक स्थान मुहैया कराएं। अदालत ने कहा कि सरकार यह बताने में विफल रही कि मरीना बीच पर नेता को दफनाने की अनुमति देने के रास्ते में कौनसी कानूनी अड़चनें हैं।

इससे पहले पारिस्थितिकी तथा अन्य चिंताओं को लेकर बीच पर दफनाने के खिलाफ पांच याचिकाएं वापस ले ली गईं। पीठ ने कहा कि स्थान आवंटित करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। पहले ही सभी द्रविड़ नेताओं के लिए मरीना में स्थान आवंटित किया हुआ है। मौजूदा मामले में अलग रुख अपनाने की कोई जरूरत नहीं है।

अदालत का आदेश आते ही वहां से करीब आठ किलोमीटर दूर राजाजी हॉल में द्रमुक के हजारों समर्थकों ने 'कलैगनार पुगाझ ओनगुगा' के नारे लगाए। करुणानिधि के ताबूत के पास खड़े उनके बेटे और द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन फूट-फूटकर रो रहे थे लेकिन जब उन्हें फैसले की खबर लगी तो उनके मुरझाए चेहरे पर संतोष के भाव दिखे।

इससे पहले आज मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी आधुनिक समय के सबसे बड़े द्रविड़ नेता को श्रद्धांजलि देने राजाजी हॉल पहुंचे तो उन्हें 'वेंडम वेंडम, मरीना वेंडम' के नारे सुनने पड़े। अदालत का आदेश अन्नाद्रमुक के लिए बड़ा झटका है जिसने करुणानिधि को मरीना बीच पर दफनाने का स्थान ना देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

सरकार ने यह हवाला देते हुए करुणानिधि को वहां दफनाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया कि अन्नाद्रमुक संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री एमजी रामचंद्रन तथा उनकी शिष्या जे जयललिता को बीच पर इसलिए दफनाया गया क्योंकि पद पर रहते हुए उनका निधन हुआ था लेकिन करुणानिधि को ऐसी मंजूरी नहीं दी जा सकती क्योंकि वे मौजूदा मुख्यमंत्री नहीं थे।

द्रमुक संस्थापक और करुणानिधि के मार्गदर्शक सीएन अन्नादुरई भी 1969 में अपने निधन के समय मुख्यमंत्री थे। हालांकि अदालत ने सरकार की यह दलील खारिज कर दी। द्रमुक ने करुणानिधि को 'अन्ना समाधि' के पास दफनाने की अपील की थी। राजाजी हॉल में कई दिग्गज नेताओं और प्रतिष्ठित गणमान्यों ने राज्य के पांच बार मुख्यमंत्री रहे और 13 विधानसभा चुनाव जीतने वाले करुणानिधि को श्रद्धांजलि दी। (भाषा)

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