सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर कॉरिडोर के संचालन और मसौदा समझौते को अंतिम रूप देने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरे दौर की उच्चस्तरीय बातचीत बुधवार (4 सितंबर) को अटारी में होगी। भारत ने करतारपुर कॉरिडोर पर औपचारिक बातचीत के पाकिस्तान के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के मुताबिक, हमें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 4 सितंबर को होने वाली बैठक में करतारपुर कॉरिडोर के संचालन और मसौदा समझौते से संबंधित उन मसलों पर सहमति बन जाएगी जिन्हें पिछली बैठक (14 जुलाई) में नहीं सुलझाया जा सका था। यह बातचीत पाकिस्तान के समयानुसार सुबह 10 बजे शुरू होगी।
करतारपुर कॉरिडोर का कार्य तेजी से चल रहा है। करीब 800 मजदूर और इंजीनियर कॉरिडोर को जल्द पूरा करने के लिए जुटे हुए हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से कॉरिडोर का निर्माण 70 फीसदी पूरा कर लिया गया है।
करतारपुर में दरबार साहिब को गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक साहिब से जोड़ने वाले इस कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान ने प्रतिदिन 5000 सिख श्रद्धालुओं को प्रवेश देने पर सहमति जताई है। यह दोनों देशों के बीच पहला वीजा मुक्त कॉरिडोर होगा। इसके लिए सिख श्रद्धालुओं को सिर्फ परमिट हासिल करना होगा।
पाकिस्तान में सिखों की सुरक्षा का मसला लगातार सुर्खियों में है। इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख असलम बेग ने कहा था कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल खालिस्तानी आतंकी गतिविधियों के इस्तेमाल में करेगा। उन्होंने कहा था कि भारत को सबक सिखाने के लिए 'जिहाद' ही एकमात्र तरीका है। लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर भारतीय सेना जिहादियों को नहीं रोक सकती।