Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने वाले राहुल गांधी क्यों हारे कर्नाटक, पांच बड़े कारण

Webdunia
मंगलवार, 15 मई 2018 (12:06 IST)
बेंगलुरु। कर्नाटक चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस का हाल बेहाल कर दिया है। इस हार के बाद पार्टी के हाथ से एक और बड़ा राज्य निकल गया है। देश में अब उसके पास तीन राज्य ही बचे हैं। कांग्रेस की करारी हार के पांच बड़े कारण..
 
मोदी लहर : कर्नाटक में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू जमकर चला। जहां-जहां भी मोदी ने सभा ली वहां माहौल भाजपामय हो गया। साथ ही आसपास की सीटों पर भी उसका प्रभाव नजर आया। मोदी ने कांग्रेस के लिंगायतों पर चले चुनावी दांव को विफल करने के लिए मठों के दौरे किए और कांग्रेस को इसका बड़ा नुकसान हुआ। 
ALSO READ: live election results कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम 2018 : दलीय स्थिति
एंटी इनकमबेंसी फेक्टर : कर्नाटक में कांग्रेस सरकार को सरकार विरोधी लहर का भी सामना करना पड़ा। कांग्रेस सिद्धारमैया के प्रति लोगों की नाराजगी को भांप नहीं पाई और उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। वैसे भी यहां के लोग दूसरी बार किसी भी दल को मौका नहीं देते। इस बार भी उन्होंने यही किया। मोदी सरकार यहां के लोगों को यह समझाने में सफल रही कि गैर भाजपा सरकार के चलते केंद्र की योजनाओं का फायदा यहां के लोगों को नहीं मिल पा रहा है।
 
ALSO READ: भाजपा की कर्नाटक विजय में दिखा उप्र के योगी आदित्यनाथ का जलवा, मोदी के बाद सबसे प्रभावी भाजपा प्रचारक
मोदी-येदि जुगलबंदी : भाजपा को सबसे बड़ा फायदा मोदी और येदियुरप्पा की जुगलबंदी का मिला। भाजपा ने दोनों नेताओं को लेकर बेहतरीन रणनीति बनाई। दोनों ने राज्य में अलग-अलग प्रचार किया और प्रदेश में भाजपा की लहर बना दी। 
राहुल गांधी बेअसर : इस चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूरी तरह विफल रहे, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद यह उनका पहला बड़ा चुनाव था। उन्होंने राज्य में ताबड़तोड़ रैलियां कीं मगर वह लोगों को यह बात समझाने में विफल रहे कि कांग्रेस किस तरह कर्नाटक का विकास कर सकती है। 
 
ALSO READ: मोदी मैजिक की आंधी में नहीं टिक पाए राहुल गांधी, अब 21 राज्यों में भाजपा राज...
बड़े नेताओं का अभाव : इस चुनाव में कांग्रेस को स्टार प्रचारकों की कमी खली। भाजपा के पास मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ के साथ ही स्टार प्रचारकों की लंबी लाइन थी वहीं कांग्रेस का प्रचार राहुल गांधी और सिद्धारमैया के ईदगिर्द ही घूमता रहा। यही कारण है कि कांग्रेस के हाथ से सत्ता फिसल गई। 
   

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

election results : अब उद्धव ठाकरे की राजनीति का क्या होगा, क्या है बड़ी चुनौती

एकनाथ शिंदे ने CM पद के लिए ठोंका दावा, लाडकी बहीण योजना को बताया जीत का मास्टर स्ट्रोक

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

UP : दुनिया के सामने उजागर हुआ BJP का हथकंडा, करारी हार के बाद बोले अखिलेश, चुनाव को बनाया भ्रष्टाचार का पर्याय

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra Election Results 2024 : महाराष्ट्र में 288 में महायुति ने जीती 230 सीटें, एमवीए 46 पर सिमटी, चुनाव परिणाम की खास बातें

Maharashtra elections : 1 लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज करने वालों में महायुति के 15 उम्मीदवार शामिल

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

पंजाब उपचुनाव : आप ने 3 और कांग्रेस ने 1 सीट पर जीत दर्ज की

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

આગળનો લેખ
Show comments