लखनऊ। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए उत्तरप्रदेश को 7 मंत्री दिए हैं लेकिन इस मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे खास बात यह रही है कि उत्तरप्रदेश के जालौन को 50 साल के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। जालौन को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के बाद से जालौन में आम लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है और माना जा रहा है कि जालौन भी अब विकास के मार्ग पर तेजी के साथ आगे बढ़ सकेगा।
बताते चलें कि 1967 में जालौन से ही सांसद चौधरी रामसेवक को कांग्रेस में केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। लेकिन फिर उसके बाद से जालौन को कभी भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में किसी भी सरकार ने शामिल नहीं किया लेकिन यह सम्मान 50 साल के बाद एक बार फिर जालौन के बीजेपी सांसद भानु प्रताप वर्मा को मिला है।
भानु प्रताप ने 1988 में सभासद बनकर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। इसके बाद 1991 में विधायक चुने गए। साफ-सुथरी छवि वाले भानु प्रताप ने पहली बार कोंच के मालवीय नगर वार्ड से निर्दलीय सभासद का चुनाव जीता। निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री दादा बाबूराम की नजर भानु प्रताप पर पड़ी तो उन्होंने भानु को वर्ष 1989 में कोंच विधानसभा सुरक्षित सीट से भाजपा का उम्मीदवार बनवाया। लेकिन पहली बार विधानसभा चुनाव में भानु प्रताप को हार का सामना करना पड़ा लेकिन हार के बाद भी भानु प्रताप की बीजेपी में एक अलग ही पकड़ बन गई और उन्हें बीजेपी ने 1991 में फिर से प्रत्याशी बनाया तो भानु प्रताप ने धमाकेदार जीत के साथ भाजपा के विधायक बन गए।
जिस वक्त भानु प्रताप भाजपा के विधायक होते थे तो उस वक्त जालौन-गरौठा संसदीय क्षेत्र से गयाप्रसाद कोरी भाजपा से सांसद थे। लेकिन बीमारी के चलते उनका निधन हो गया तो खाली हुई संसदीय सीट पर बीजेपी ने भानु प्रताप पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतार दिया। भानु प्रताप भी बीजेपी के भरोसे पर खरे उतरे और चुनाव जीतकर भानु प्रताप को दिल्ली की राह मिल गई और वर्ष 1996, 1998, 2004, 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद चुने गए।