नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के टि्वटर अकाउंट पर 7 ऐसी महिलाएं छाई रहीं, जिन्होंने अपने कामों से देश और दुनिया को प्रेरणा दी है। मोदी ने रविवार सुबह महिला दिवस के अवसर पर अपना सोशल मीडिया अकाउंट इन 7 सम्मानित महिलाओं के हाथों सौंप दिया। इन महिलाओं ने टि्वटर पर लोगों के साथ अपने यादगार लम्हों को साझा किया और अपनी कहानी बताकर लोगों को प्रेरित किया।
इन महिलाओं में डॉ. मालविका अय्यर, विजया पवार, वीणा देवी, अरिफा, स्नेहा मोहनदास, कल्पना रमेश और कलावती देवी भी शामिल हैं। स्नेहा मोहनदास ने अपनी माता से प्रेरणा लेकर भुखमरी मिटाने के लिए फूडबैंक इंडिया की पहल की। इसमें बड़े पैमाने पर भोजन बनाने, भोजन बनाने के अलग-अलग तरीके और स्तनपान के बारे में जागरूकता अभियान चलाना शामिल है।
1. डॉ. मालविका अय्यर : डॉ. मालविका अय्यर ने एक बम विस्फोट में अपने हाथ और एक पैर खो दिए। इससे विचलित हुए बिना उन्होंने पढाई की और पीएचडी की उपाधि हासिल की। उन्होंने ट्वीट किया, स्वीकार्यता सबसे बड़ा पुरस्कार है जो हम अपने आपको दे सकते हैं। हम अपने जीवन को नियंत्रित नहीं कर सकते लेकिन हम जीवन के प्रति अपने नजरिए को जरूर नियंत्रित कर सकते हैं। अंत में यही महत्वपूर्ण है कि हम चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं।
2. विजया पवार : विजया पवार पिछले दो दशकों से बंजारा समुदाय के हस्तशिल्प के संरक्षण की दिशा में काम कर रही हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, आपने देश के विभिन्न हिस्सों के हस्तशिल्प के बारे में तो सुना ही होगा। मैं ग्रामीण महाराष्ट्र के बंजारा समुदाय की हस्तशिल्प आपके सामने पेश कर रही हूं। मैं पिछले 2 दशकों से इस पर काम कर रही हूं और इसमें हजारों और महिलाएं मेरा सहयोग कर रही हैं।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, गोरमाटी कला को बढ़ावा देने के लिए पंत प्रधान नरेंद्र मोदीजी ने न केवल हमें प्रोत्साहित किया बल्कि हमारी आर्थिक सहायता भी की। ये हमारे लिए गौरव की बात है। इस कला के संरक्षण के लिए मैं पूरी तरह से समर्पित हूं और महिला दिवस के अवसर पर गौरवान्वित महसूस कर रही हूं।
3. वीणा देवी : मुंगेर की वीणा देवी ने मशरूम की खेती करने की पहल की और अन्य महिलाओं को भी इस काम में अपने साथ जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया। उन्होंने ट्वीट किया, जहां चाह, वहां राह, इच्छाशक्ति से सबकुछ हासिल किया जा सकता है।
मेरी वास्तविक पहचान पलंग के नीचे एक किलो मशरूम की खेती से शुरू हुई थी, लेकिन इस खेती ने मुझे न केवल आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि मेरे आत्मविश्वास को बढ़ाकर एक नया जीवन दिया। आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। अगर देश की नारी शक्ति ठान ले तो घर के अपने कमरे से ही अपनी यात्रा शुरू कर सकती है। इसी खेती की वजह से मुझे सम्मान मिला। मैं सरपंच बनी।
मेरे लिए खुशी की बात है कि अपने जैसी कई महिलाओं को ट्रेनिंग देने का अवसर भी मिल रहा है। आज मुंगेर की महिलाएं पूरे देश के सामने एक मिसाल पेश कर रही हैं। घर में खेती से लेकर उपज को हाट में बेचने तक सारा जिम्मा खुद अपने कंधों पर उठाती हैं। इसलिए मैं देश की सभी महिलाओं से यही कहूंगी कि बाहर निकलिए, खुद काम कीजिए और तब देखिए कितना अच्छा लगता है।
4. अरिफा : अरिफा कश्मीर के पारंपरिक शिल्प नर्मदा शिल्प को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं। उनका कहना है कि महिलाओं का आत्मनिर्भर होना और दूसरी महिलाओं की मदद करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने ट्वीट किया, मैंने हमेशा से कश्मीर के पारंपरिक शिल्प को जिंदा रखने और बढ़ावा देने का सपना देखा क्योंकि इससे स्थानीय महिलाओं की स्थिति मजबूती होती है। मैंने महिला कारीगरों की स्थिति देखी है इसलिए मैंने नर्मदा शिल्प को जीवित रखने का काम किया।
5. स्नेहा मोहनदास : मैं स्नेहा मोहनदास हूं। अपनी माता से प्रेरणा लेकर मैंने फूडबैंक की शुरुआत की थी। मेरी माता बेघरों को खाना खिलाती थी। उन्होंने टि्वट किया, आप खाने के बारे में सोचते होंगे लेकिन अब कुछ करने और गरीबों के भविष्य के बारे में कदम उठाना चाहिए।
6. कल्पना रमेश : कल्पना रमेश जल संरक्षण के टिकाऊ मॉडल विकसित करने के क्षेत्र में काम कर रही हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, यौद्धा बनों पर अलग किस्म के। जल यौद्धा बनों, क्या आपने कभी पानी की कमी के बारे में सोचा है। हममेंमें से प्रत्येक व्यक्ति मिलकर आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संरक्षण कर सकते हैं।
कानपुर की कलावती देवी ने अपने क्षेत्र के लोगों को हजारों शौचालय बनाने के लिए पैसे दान करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने ट्वीट किया, मैं जिस जगह पर रहती थी, वहां हर तरफ गंदगी ही गंदगी थी, लेकिन दृढ़ विश्वास था कि स्वच्छता के जरिए हम इस स्थिति को बदल सकते हैं।
लोगों को समझाने का फैसला किया। शौचालय बनाने के लिए घूम-घूमकर एक-एक पैसा इकट्ठा किया। देश की बहन, बेटी और बहुओं को मेरा यही संदेश है कि समाज को आगे ले जाने के लिए ईमानदारी से किया गया प्रयास कभी निष्फल नहीं होता। इसलिए बाहर निकलिए। अगर कोई कड़वी भाषा बोलता है तो उसे बोलने दीजिए। अगर अपने लक्ष्य को पाना है तो पीछे मुड़कर नहीं देखा करते हैं।
इससे पहले मोदी ने सुबह ट्वीट किया, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बधाई। हम 'नारी शक्ति' की भावना और उपलब्धियों को सलाम करते हैं। जैसा कि मैंने कुछ दिन पहले कहा था कि महिला दिवस के मौके पर मैं सोशल मीडिया से दूर रहूंगा। आज दिनभर 7 महिलाएं अपने जीवन से जुड़े यादगार लम्हों को साझा करेंगी और सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए बातचीत करेंगी।
प्रधानमंत्री ने 2 मार्च को सोशल मीडिया छोड़ने को लेकर ट्वीट किया था। मोदी ने लिखा था, इस रविवार को मैं अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब छोड़ने पर विचार कर रहा हूं। आपको इस बारे में जानकारी दूंगा।
जिसके बाद अगले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को खास बनाने के लिए वे इस महिला दिवस पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट ऐसी महिलाओं को सौंपेंगे जिनका जीवन और कार्य उन्हें प्रेरित करता है। इससे उन्हें लोगों को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के फेसबुक पेज पर 44,723,734 लाइक्स हैं जबकि टि्वटर पर उन्हें 5 करोड़ 30 लाख लोग फॉलो करते हैं। मोदी को इंस्टाग्राम पर 3 करोड़ 52 लाख लोग फॉलो करते हैं और यूट्यूब पर उनके 4 करोड़ 51 लाख सब्सक्राइबर्स हैं।