नई दिल्ली। भारतीय रेलवे दिल्ली-चंडीगढ़ रेलमार्ग की 245 किलोमीटर की दूरी मात्र 2 घंटे में तय करने का लक्ष्य जल्द ही हासिल करने के लिए त्वरित गति से काम कर रहा है। सरकारी परिवहन पर फ्रांस की मदद से अधिकतम 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की इस परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी है।
उत्तर भारत के सबसे व्यस्त मार्गों में शामिल दिल्ली-चंडीगढ़ रेलमार्ग पर पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन चलाई जाएगी। सरकारी परिवहन पर फ्रांस की मदद से अधिकतम 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की इस परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी है।
वर्तमान दिल्ली-चंडीगढ़ रेलमार्ग में करीब 10 बड़े मोड़ हैं, जो 32 किलोमीटर के मार्ग में हैं। रेलवे के मुताबिक, दिल्ली-चंडीगढ़ सेमी-हाई स्पीड गलियारे में कई मोड़ों को सीधा करने के लिए भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा और इसके बजाय रफ्तार धीमी करने को तरजीह दी जाएगी।
सेमी-हाई स्पीड परियोजना में शामिल रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले सेमी-हाई स्पीड मार्ग पर निर्बाध गति के लिए इन मोड़ों को सीधा करने की योजना थी, लेकिन इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता थी जिसमें समय लगता। ऐसे में रेलवे ने देरी से बचने के लिए भूमि अधिग्रहण नहीं करने का निर्णय लिया।
फ्रांस की टीम के साथ हाल ही में समीक्षा बैठक में भूमि अधिग्रहण से बचने का निर्णय लिया। अधिकारी ने बताया कि इन मोड़ों के बावजूद 2 घंटे में चंडीगढ़ पहुंचने का लक्ष्य हासिल किया जाएगा। (भाषा)