Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

UN सुरक्षा परिषद में सदस्यता के लिए भारत का अभियान तेज

UN सुरक्षा परिषद में सदस्यता के लिए भारत का अभियान तेज
, शुक्रवार, 5 जून 2020 (15:02 IST)
नई दिल्ली। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीट सुरक्षित करने के अपने अभियान की प्राथमिकताएं सामने रख दी हैं और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया है कि देश ऐसे समय में एक 'सकारात्मक वैश्विक भूमिका' निभा सकता है, जब कोविड-19 वैश्विक महामारी और इसके गंभीर आर्थिक प्रभाव पूरी दुनिया की एक असाधारण परीक्षा लेंगे।
 
जयशंकर ने 17 जून, 2020 को निर्धारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के चुनावों में निर्वाचित सीट सुरक्षित करने के अपने आगामी अभियान के लिए भारत की प्राथमिकताएं दर्शाने के लिए यहां एक कार्यक्रम में पुस्तिका का विमोचन किया।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एशिया-प्रशांत समूह के एकमात्र समर्थित सदस्य के तौर पर भारत की उम्मीदवारी के सफल होने की पूरी संभावना है। अगर भारत को चुना जाता है तो यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का 8वां कार्यकाल होगा और उसका 2 साल का कार्यकाल जनवरी 2021 में शुरू होगा।
 
जयशंकर ने कहा कि सुरक्षा परिषद में हम 10 साल पहले चुने गए थे, हम अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा की 4 विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहे हैं- तनाव बढ़ने के कारण अंतरराष्ट्रीय शासन की सामान्य प्रक्रिया अत्यधिक दबाव झेल रही है, पारंपरिक एवं गैरपारंपरिक सुरक्षा चुनौतियां अनियंत्रित रूप से जारी हैं, आतंकवाद ऐसी समस्याओं का जबर्दस्त उदाहरण है।
 
उन्होंने कहा कि वैश्विक संस्थानों में कोई सुधार नहीं हुआ है और प्रतिनिधित्व नहीं बढ़ा है इसलिए वे परिणाम देने में कम सक्षम हैं। कोविड-19 वैश्विक महामारी और इसके गंभीर आर्थिक प्रभाव विश्व की असाधारण परीक्षा लेंगे।
जयशंकर ने कहा कि इस असाधारण स्थिति में भारत एक सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।
 
विदेश मंत्री ने कहा कि हम हमेशा से तार्किक आवाज और अंतरराष्ट्रीय कानून के तरफदार रहे हैं। हम वैश्विक मुद्दों के प्रति हमारे दृष्टिकोण में संवाद, विचार-विमर्श और निष्पक्षता की वकालत करते हैं। भारत उस वैश्विक विकास पर जोर देता है जिसमें जलवायु परिवर्तन और गरीबी उन्मूलन को धरती के भविष्य के लिए अहम माना जाए।
 
इस पुस्तिका में भारत की अहम प्रथामिकताओं के रूप में प्रगति के लिए नए अवसर, अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के प्रति प्रभावी प्रतिक्रिया, बहुपक्षीय व्यवस्था में सुधार, अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के प्रति व्यापक दृष्टिकोण और समाधानों के लिए मानवीय स्पर्श के साथ प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने जैसी बातों को शामिल किया गया।
 
जयशंकर ने कहा कि भारत का दृष्टिकोण प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित 5 बातों- सम्मान, संवाद, सहयोग और शांति से निर्देशित होगा, जो सार्वभौमिक समृद्धि के लिए स्थितियां उत्पन्न करेंगी। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

दिव्यांगों को CBSE की बड़ी राहत, नहीं देनी होगी परीक्षा