Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम चाहते हैं भारत और चीन, जयशंकर और वांग के बीच चर्चा

यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम चाहते हैं भारत और चीन, जयशंकर और वांग के बीच चर्चा
, शुक्रवार, 25 मार्च 2022 (20:59 IST)
नई दिल्ली। यूक्रेन संकट के कारण भू-राजनीतिक उथल-पुथल शुरू होने के बीच भारत और चीन ने शुक्रवार को तत्काल युद्धविराम की आवश्यकता और संघर्ष को कम करने के लिए युद्धरत देशों के कूटनीति एवं बातचीत की राह पर लौटने की जरूरत पर सहमति जताई।
 
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच तीन घंटे की बातचीत के दौरान यह मुद्दा उठा। जयशंकर ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि वांग यी ने चीन की समझ, वहां (यूक्रेन में) उत्पन्न स्थिति और उससे संबंधित घटनाक्रम के बारे में चीन का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया और मैंने भारतीय दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों ने अपने-अपने दृष्टिकोण पर चर्चा की और सहमति जताई कि कूटनीति एवं बातचीत प्राथमिकता होनी चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है, भारतीय दृष्टिकोण के बारे में, आप में से कई लोगों ने मुझे कल संसद में भी बोलते हुए सुना होगा और जाहिर है कि उन्होंने (वांग ने) जो कुछ कहा है वह उनका विचार है और मैंने जो कहा वह मेरा विचार है, लेकिन साझा विचार यह है कि हम दोनों ही तत्काल युद्धविराम को महत्व देने के साथ-साथ कूटनीति एवं बातचीत की राह पर (रूस और यूक्रेन के) लौटने की जरूरत पर सहमत हुए हैं।
 
विदेश मंत्री ने बृहस्पतिवार को संसद में कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थिति 'दृढ़ और शुरू से लेकर अब तक एक जैसी' रही है और वह वार्ता के माध्यम से संघर्ष का समाधान चाहता है। भारत ने यूक्रेन पर आक्रमण करने को लेकर रूस की अभी तक निंदा नहीं की है और रूसी हमले की निंदा करने वाले प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र में मतदान से भी अनुपस्थित रहा है।
 
चीन के रूस के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और वह यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों द्वारा घोषित आर्थिक प्रतिबंधों के प्रभाव को दूर करने में मास्को की सहायता करने की इच्छा के बारे में संकेत दे रहा है।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या ‘क्वाड’ का विषय चीनी विदेश मंत्री ने उठाया था, जयशंकर ने कहा कि नहीं, इसे नहीं उठाया गया। इसलिए, क्वाड पर कोई बातचीत नहीं हुई। क्वाड में भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका शामिल हैं।
 
एक अलग सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि हिंद-प्रशांत का मुद्दा भी नहीं उठा। जयशंकर ने कहा कि हमने बहुपक्षीय मुद्दों पर भी कुछ समय बात की। मैंने सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में लंबे समय से लंबित सुधार को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

PM मोदी के करीबी माने जाते हैं UP के मंत्री एके शर्मा, प्रशासनिक सेवा से आए राजनीति में