आज यानी 31 जुलाई को आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख है। लेकिन, डिजिटल इंडिया के दौर में आपके हाथ में कुछ भी नहीं है। आप चाहकर भी अपना रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे। क्योंकि आयकर विभाग की साइट ही सपोर्ट नहीं कर रही है। सर्वर की यदि यही हालत रही तो आधे लोग भी अपना रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे।
दरअरसल, आज आखिरी तारीख होने के कारण लोग अपना आयकर रिटर्न दाखिल करना चाहता हैं, लेकिन जैसे ही वे आयकर विभाग की साइट पर जाते हैं तो आपको एक एरर दिखाई देखा कि सर्वर बिजी है। दूसरी ओर विभाग लोगों को लगातार मोबाइल पर मैसेज भेजकर आयकर रिटर्न भरने की बात कह रहा है।
इस संबंध में जब हमने एक सीए से बात की तो उन्होंने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि हमारे पास दस्तावेजों का ढेर लगा हुआ है। चाहकर भी हम रिटर्न फाइल नहीं कर पा रहे हैं। विभाग साइट ही सपोर्ट नहीं कर रही तो रिटर्न कैसे दाखिल करें। उन्होंने का कि अभी तो आयकर रिटर्न दाखिल करने में यह स्थिति है, मगर जब जीएसटी के रिटर्न जो कि महीने में तीन बार दाखिल करना होंगे, तब क्या स्थिति होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार तारीख आगे नहीं बढ़ाने की जिद पर अड़ी है, दूसरी ओर साइट नहीं चल रही है। लोग डरे हुए हैं कि कहीं उन पर जुर्माना न लग जाए। सभी चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां स्थिति यही है। वे लोगों को यही आश्वासन दे रहे हैं, हम रात 12 बजे तक लगातार कोशिश करेंगे, यदि साइट नहीं चलती है तो हम भी कुछ नहीं कर पाएंगे। उल्लेखनीय है कि सरकार पहले भी कई बार घोषणा कर चुकी है कि टैक्स रिटर्न दाखिल करने की तारीख बढ़ाई नहीं जाएगी।
हो सकता है नुकसान : नोटबंदी के बाद से डरे हुए लोगों को इस बात का भी भय है कि कहीं समय पर रिटर्न फाइल नहीं किया तो जुर्माना लग सकता है। एक जानकारी के मुताबिक अगर आपने नोटबंदी के दौरान (9 नवंबर, 2016 से 31 दिसंबर, 2016) 2 लाख रुपए या उससे ज्यादा अपने बैंक अकाउंट में नकद जमा कराए हैं तो इस तरह के डिपॉजिट के बारे में जानकारी देना वित्त वर्ष 2016-17 से अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में संभव है कि आपने वक्त पर आईटीआर नहीं भरा तो विभाग की ओर से आपको नोटिस मिल जाए।
अगर आप देरी से रिटर्न फाइल करते हैं तो हाउस प्रॉपर्टी के मामले को छोड़कर किसी भी लॉसेस को कैरी फॉरवर्ड नहीं कर सकते। आप किसी अग्रिम टैक्स पेमेंट या टीडीएस के लिए भरे रिटर्न में रिफंड क्लेम करते हैं, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से ऐसे पेमेंट पर दिए जाने वाले ब्याज में कुछ नुकसान उठाना पड़ सकता है।