Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

कोल्डचेन प्रबंधन में तापमान दर्ज करने वाली स्वदेशी डिवाइस ‘ऐम्बिटैग’

कोल्डचेन प्रबंधन में तापमान दर्ज करने वाली स्वदेशी डिवाइस ‘ऐम्बिटैग’
, गुरुवार, 3 जून 2021 (12:08 IST)
नई दिल्ली, कोविड-19 महामारी से उबरने के लिए वैक्सीन को एक प्रभावी अस्त्र माना जा रहा है। वैक्सीन को दूरदराज के इलाकों तक पहुंचाना चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि इसके लिए एक सुव्यवस्थित कोल्डचेन की आवश्यकता होती है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रोपड़ के शोधकर्ताओं ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित अत्याधुनिक डिवाइस ‘ऐम्बिटैग’ विकसित की है, जो इस चुनौती को आसान बनाने में मददगार हो सकती है।

यह डिवाइस वैक्सीन जैसे अन्य उत्पादों, जिनके रखरखाव के लिए एक निश्चित ताप को बनाए रखने की आवश्यकता होती है, उनके आसपास के तापमान की जानकारी वास्तविक समय में उपलब्ध कराने में सक्षम है।
वास्तविक समय में दर्ज किए गए तापमान से यह जानने में सहायता मिलती है कि दुनिया में कहीं भी भेजा गया कोई सामान तापमान में अंतर के कारण अभी तक उपयोग के योग्य है या नही।

यह डिवाइस कोविड-19 वैक्सीन, अंगों और रक्त के परिवहन सहित अन्य वैक्सीनों के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है। इसके साथ-साथ, इस डिवाइस के माध्यम से सब्जियों और डेयरी उत्पादों सहित खराब होने वाले उत्पादों के अलावा जानवरों के सीमेन के तापमान की भी निगरानी की जा सकती है।

आईआईटी, रोपड़ के कृषि एवं जल तकनीकी विकास हब (एडब्ल्यूएडीएच) परियोजना के निदेशक प्रोफेसर पुष्पेंद्र पी सिंह ने बताया कि आईआईटी, रोपड़ प्रौद्योगिकी नवाचार हब एम्बिटैग के व्यापक उत्पादन की तैयारी कर रहा है। यह डिवाइस कोविड वैक्सीन के उत्पादन केंद्र से देश के किसी भी कोने में स्थित टीकाकरण केंद्र तक ढुलाई में लगी सभी कंपनियों को 400 रुपये की उत्पादन लागत पर उपलब्ध होगी। यह डिवाइस इस अभूतपूर्व महामारी में देश के लिए हमारी तरफ से छोटा सा योगदान है, और इससे आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलता है।


एडब्ल्यूएडीएच परियोजना के समन्वयक डॉ सुमन कुमार ने कहा है कि ‘ऐम्बिटैग’ यूएसबी के आकार का डिवाइस है, जो एक बार रिचार्ज होकर पूरे 90 दिनों के लिए किसी भी टाइम जोन में -40 से +80 डिग्री तक के वातावरण में निरंतर तापमान दर्ज कराने में सक्षम है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में उपलब्ध इस तरह की डिवाइस सिर्फ 30-60 दिनों तक की अवधि के लिए तापमान दर्ज करती हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब तापमान पूर्व निर्धारित सीमा से ऊपर जाता है, तो यह एक अलर्ट जारी करता है, और दर्ज किए गए डेटा को किसी कंप्यूटर की सहायता से हासिल किया जा सकता है।

अभी तक, ऐसे उपकरणों को सिंगापुर, हांगकांग, आयरलैंड और चीन जैसे देशों से बड़ी मात्रा में आयात किया जा रहा है। इस डिवाइस को प्रौद्योगिकी नवाचार हब – एडब्ल्यूएडीएच और उसके स्टार्टअप स्क्रैचनेस्ट द्वारा विकसित किया गया है। एडब्ल्यूएडीएच भारत सरकार की एक परियोजना है। (इंड‍िया साइंस वायर)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

पत्रकार विनोद दुआ को सुप्रीम कोर्ट से राहत, राजद्रोह के मामले में दर्ज FIR रद्द