Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

सरकार की चेतावनी पर व्हाट्‍सएप ने कहा, जल्द आएगा नया फीचर, पता चल सकेगा मैसेज अफवाह फैलाने वाला तो नहीं

सरकार की चेतावनी पर व्हाट्‍सएप ने कहा, जल्द आएगा नया फीचर, पता चल सकेगा मैसेज अफवाह फैलाने वाला तो नहीं
, बुधवार, 4 जुलाई 2018 (16:53 IST)
भड़काऊ मैसेज और अफवाहों को लेकर सरकार ने व्हाट्‍सएप से केंद्र सरकार ने जवाब मांगा था। व्हाट्‍सएप ने केंद्र सरकार को सुधार का आश्वासन दिया है। कंपनी ने कहा कि भारत में मॉब लिंचिंग के बढ़ते मामले डराने वाले हैं, इसके लिए हम अपने प्लेटफॉर्म में सुधार करेंगे। व्हाट्‍सएप ने कहा कि वह भारत के लिए विशेष कदम उठाएगा। व्हाट्‍सएप के के मुताबिक हम भारत के लिए नया फीचर टेस्ट कर रहे हैं। इसके जरिए किसी ग्रुप में मैसेज आने पर यह पता चल सकेगा कि मैसेज सेंडर ने लिखा है या फिर इसे अफवाह फैलाने के मकसद से फॉरवर्ड किया गया है। ये फीचर जल्द लॉन्च किया जाएगा।
 
 
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते बच्चा चोरी जैसी अफवाह फैलने पर महाराष्ट्र और त्रिपुरा में 7 लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। ऐसी घटनाओं को देखते हुए सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मंगलवार को व्हाट्‍सएप को चेतावनी दी थी कि हिंसा की वजह बनने वाले संदेशों को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाएं। सरकार ने कंपनी से कहा था कि आप जिम्मेदारी और जवाबदेही से भाग नहीं सकते। उधर सुप्रीम कोर्ट ने भी मंगलवार को कहा था कि इस तरह की हिंसक घटनाएं अपराध हैं, किसी को भी कानून हाथ में लेने का हक नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि इन घटनाओं को रोकना राज्यों की जिम्मेदारी है।
 
 
कंपनी ने कहा कि हम लोगों की सुरक्षा की चिंता करते हैं, इसीलिए हमने इसे ध्यान में रखते हुए अपना एप डिजाइन किया था। हमने दोहरा रास्ता बनाया है। लोगों को नियंत्रण और जानकारी दी ताकि वे सुरक्षित रह सकें और अपनी तरफ से व्हाट्‍सएप का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए भी काम किया। हमने प्रोडक्ट कंट्रोल, डिजिटल लिट्रेसी, फैक्ट चेकिंग एडवोकेसी और दुर्व्यवहार रोकने के लिए सुरक्षात्मक कदम उठाए।
 
 
 
व्हाट्‍सएप ने मंत्रालय को जवाब देते हुए कहा कि भारत सरकार की तरह ही, हम भी इस तरह की हिंसा को लेकर परेशान हैं। आपने जो मुद्दा उठाया है, उस पर हम तुरंत काम करना चाहते हैं। हमारा मानना है कि ये एक चुनौती है। इसके लिए सरकार, सिविल सोसायटी और टेक्नोलॉजी कंपनियों को एकसाथ काम करने की जरूरत है। जिस फीचर की टेस्टिंग की जा रही है, वह ग्रुप मेंबर्स को सोचने पर मजबूर करेगा।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

भारत नहीं लौटना चाहता है विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नायक