Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

Honor Killing: हैदराबाद से हरियाणा तक, पंजाब से मप्र तक, ‘इज्‍जत’ के लिए अपनों का कत्‍ल, दरिंदों ने कैसे ‘मौत’ में बदल दी ‘प्‍यार की सजा’

owner killing
webdunia

नवीन रांगियाल

दो लोग जब प्‍यार करते हैं तो न जाति देखते हैं और न ही धर्म। वो यह नहीं देखते उनका प्रेमी ऊंची जाति का है या नीची जाति का। वे बस प्‍यार करते हैं, और सुकून के साथ एक दूसरे के साथ जिंदगीभर रहना चाहते हैं। लेकिन जाति और धर्म को अपनी शान मानने वाले इज्‍जत के नाम पर उनकी हत्‍या कर देते हैं। दुखद यह है कि अपनी इज्‍जत के लिए अपने ही अपनों की जिंदगी खत्‍म कर रहे हैं। हत्‍या करने वालों में पिता, चाचा, भाई और चेचेरे भाई शामिल हैं।

हाल ही में हैदराबाद में एक भाई ने एक हिंदू युवक की इसलिए बेरहमी से हत्‍या कर दी गई कि उसने उसकी मुस्‍लिम बहन से प्‍यार किया और फिर शादी की थी। इस घटना के बाद ‘ऑनर किलिंग’ एक बार फिर से सुर्खियों में है।

क्‍या है ऑनर किलिंग और पिछले कुछ सालों में कितने प्‍यार करने वाले इसकी भेंट चढ गए हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र ने भी कुछ समय पहले इसे लेकर एक टिप्‍पणी की थी। जिसमें बताया गया था कि इज्‍जत के नाम पर हर पांचवीं हत्‍या भारत में होती है। समझते हैं क्‍या है ऑनर किलिंग और मनोचिकित्‍सक इसे लेकर क्‍या कहते हैं।

आइए जानते हैं हैदराबाद से हरियाणा तक, पंजाब से मप्र तक, इज्‍जत के लिए अपनों का कत्‍ल, दरिंदों ने कैसे मौत में बदल दी प्‍यार की सजा

क्‍या है संयुक्‍त राष्‍ट्र का दावा?
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े चौंकाने वाले हैं जिसमें बताया गया है कि इज्जत के नाम पर दुनियाभर में हर 5वीं हत्या भारत में होती है। यह आंकड़ा है तो करीब 5,000 हत्‍याओं का, लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता, एनजीओ और सोशल एक्‍टिविस्‍ट इसे कहीं ज्यादा बताते हैं।

संयुक्त राष्ट्र का दावा है कि विश्व स्तर पर इन 5,000 हत्याओं में 1,000 भारत में होती हैं। हालांकि गैरसरकारी संगठनों का कहना है कि दुनिया भर में इनकी संख्या 20,000 तक है।

आमतौर पर भारत के छोटे शहरों और गांवों में इज्जत के नाम पर हत्या कर दी जाती है। लेकिन हाल के दिनों में मीडिया इस बारे में ज्यादा रिपोर्टिंग करने लगा है।

पिछले साल केंद्रीय मंत्री अजय कुमार ने एक सवाल के जवाब में  एनसीआरबी के हवाले से सदन में ऑनर किलिंग के मामलों के बारे में जानकारी दी थी, उन्‍होंने बताया था कि ऑनर किलिंग के मकसद से पिछले सालों में कितनी हत्‍याओं को अंजाम दिया गया।
webdunia

NCRB के ऑनर किलिंग के मामले
  1. 2014 में 28 हत्‍याएं
  2. 2015 में 192 हत्‍याएं
  3. 2016 में 68 हत्‍याएं
  4. 2017 में 92 हत्‍याएं
  5. 2018 में 29 हत्‍याएं
  6. 2019 में 24 हत्‍याएं
ऑनर किलिंग की खौफनाक दास्‍तानें
  • हैदराबाद में हिंदू युवक नागराजू की उसकी पत्‍नी आशरीन के भाई ने  हत्‍या की।
  • हैदराबाद में ही एक शख्‍स ने बेटी और दामाद की हत्‍या की।
  • आंध्रप्रदेश में 24 साल के युवक की उसकी गर्भवती पत्‍नी के सामने हत्‍या कर दी।
  • रोहतक में 11वीं की छात्रा की हत्‍या, ऑनर किलिंग का मामला था।
  • हरियाणा से भागे एक दंपत्‍ति का शव राजस्‍थान में पंखे से लटका मिला।
  • हिसार में 25 साल के युवक का शव मिला, पत्‍नी के रिश्‍तेदारों ने की हत्‍या।
  • दूसरी जाति के युवक से शादी पर आंध्रप्रदेश की युवती की पीट पीट कर पिता और चाचा ने हत्‍या की।
  • हरियाणा में युवती के चाचा और भाई ने उसके प्रेमी की हत्‍या की।
  • हरियाणा में ही पिता ने बेटी की हत्‍या कर अंतिम संस्‍कार कर दिया।
webdunia

क्‍या है ऑनर किलिंग?
परिवार के किसी सदस्य विशेष रूप से महिला सदस्य की उसके सगे-संबंधियों द्वारा होने वाली हत्या को ऑनर किलिंग कहा जाता है। ये हत्याएँ प्रायः परिवार और समाज की प्रतिष्ठा के नाम पर की जाती हैं।

ऑनर किलिंग के कारण
लगातार सख्त होती जाति व्यवस्था: देश में जातिगत धारणाएं लगातार बलवती होती जा रही हैं। अधिकांश ऑनर किलिंग के मामले तथाकथित उच्च और नीची जाति के लोगों के प्रेम संबंधों के मामले में देखने को मिले हैं। अंतर-धार्मिक संबंध भी ऑनर किलिंग का एक बड़ा कारण है।

औपचारिक प्रशासन का अभाव: ऑनर किलिंग का मूल कारण औपचारिक शासन का ग्रामीण क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पाना है।
पंचायत समिति जैसे औपचारिक संस्थानों की अनुपस्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में निर्णयन की शक्ति अवैध एवं गैर-संवैधानिक संस्थाएँ, जैसे- खाप पंचायतों के हाथ में चली जाती है।

निरक्षरता और अधिकारों के संबंध में अनभिज्ञता: शिक्षा के अभाव में समाज का बड़ा हिस्सा अपने संवैधानिक अधिकारों के संबंध में अनजान है। गौरतलब है कि ऑनर किलिंग भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15 (1), 1 9, 21 और 39 (एफ) को नकारात्मक ढंग से प्रभावित करता है।

अनुच्छेद 14, 15 (1), 1 9,  और 21 मूल अधिकारों से संबंधित हैं, जबकि अनुच्छेद 39 राज्य के नीति निर्देशक तत्त्वों से संबंधित है।

उल्लेखनीय है कि मूल अधिकार और निर्देशक तत्व संविधान की आत्मा और दर्शन के तौर पर जाने जाते हैं।

ऑनर किलिंग के दुष्‍प्रभाव
ऑनर किलिंग मानवाधिकारों के उल्लंघन के साथ-साथ अनुच्छेद 21 के अनुसार गरिमा के साथ जीने के अधिकार का उल्लंघन भी है।

यह देश में सहानुभूति, प्रेम, करुणा, सहनशीलता जैसे गुणों के अभाव को और बढ़ाने का कार्य करता है।
विभिन्न समुदायों के बीच राष्ट्रीय एकता, सहयोग आदि की धारणा को बढ़ावा देने के लिये एक बाधक का कार्य करता है।
क्‍या कहते हैं मनोचिकित्‍सक?
‘ऑनर किलिंग के पीछे हमारे प्राइड बिलीफ सिस्टम का टूटना है, हमारे समाज ने हमें सिखाया है कि निर्धारित किए गए नियम मानवता से भी ऊपर हैं, उनका टूटना हमारे लिए शर्म और कलंक का विषय है, नतीजन हम उन बच्चों को भी मार देते हैं, जिनके जन्म पर हमने उत्सव मनाया था। कुल मिलाकर ऑनर किलिंग के पीछे सोशल लर्निंग, बिलीफ सिस्टम और पर्सनालिटी फैक्टर्स सबकी बड़ी भूमिका होती है। जरूरत है कि अब इस विषय पर जनप्रतिनिधि, धर्मगुरु, सेलिब्रेटिज आगे आएं।

डॉ सत्यकांत त्रिवेदी
मनोचिकित्सक, विचारक
(सुसाइड प्रिवेंशन पॉलिसी की एडवोकेसी कर रहे हैं)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

सरकार ला रही ‘देशी ई-कॉमर्स’, अब क्‍या होगा ऐमजॉन, फ्लिपकार्ट, बिगबॉस्‍केट और जोमैटो का, जानिए क्‍या है प्रोजेक्‍ट और ‘सरकार का मकसद’