Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

माता-पिता के मकान पर बेटे का कानूनी हक नहीं

माता-पिता के मकान पर बेटे का कानूनी हक नहीं
, बुधवार, 30 नवंबर 2016 (00:09 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि किसी बेटे को अपने माता-पिता के खुद की अर्जित किए गए घर में रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है और वह केवल उनकी ‘दया’ पर ही वहां रह सकता है, फिर चाहे बेटा विवाहित हो या अविवाहित। अदालत ने कहा कि चूंकि माता पिता ने संबंध अच्छे होने के वक्त बेटे को घर में रहने की अनुमति दी, इसका यह मतलब नहीं कि वे पूरी जिंदगी उसका ‘बोझ’ उठाएं।
न्यायूमर्ति प्रतिभा रानी ने अपने आदेश में कहा कि जहां माता पिता ने खुद से कमाकर घर लिया है तो बेटा, चाहे विवाहित हो या अविवाहित, को उस घर में रहने का कानूनी अधिकार नहीं है और वह केवल उसी समय तक वहां रह सकता है जब तक के लिए वे उसे रहने की अनुमति दें। अदालत ने कहा कि केवल इसलिए कि माता-पिता ने उसे संबंध मधुर होने पर घर में रहने की अनुमति दी थी, इसका मतलब यह नहीं कि माता पिता जीवनभर उसका बोझ सहें।
 
अदालत ने एक व्यक्ति और उसकी पत्नी की अपील खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया। अपील में एक निचली अदालत द्वारा माता पिता के पक्ष में दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी। माता-पिता ने बेटे और बहू को घर खाली करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। (भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

पीवी सिंधु का चाइना ओपन खिताब बड़ी उपलब्धि : प्रकाश पादुकोण