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भारतीयों में अपने ढंग से खुशी के रंग मनाने के लिए जोश भरता है Koo App का होली गान

भारतीयों में अपने ढंग से खुशी के रंग मनाने के लिए जोश भरता है Koo App का होली गान
, बुधवार, 16 मार्च 2022 (23:26 IST)
HarRangKiHoli प्रभावशाली शख्सियतों और सितारों के जरिये पूरे भारत से सांस्कृतिक विविधता और लोकाचार को एक साथ मिलाती है। इसमें रंगों और लाठी से खेली जाने वाली उत्तर प्रदेश की लट्ठमार होली की झलक, लोक नृत्य और मार्शल आर्ट को एक साथ मिलाकर पंजाब के होला-मोहल्ला, स्थानीय लोगों द्वारा बसंत का स्वागत करने वाला गोवा का जीवंत शिग्मो, भगवान कृष्ण के भव्य जुलूस वाले पश्चिम बंगाल के डोल जात्रा तक का रंग शामिल है। इससे यह गान 'कई संस्कृतियों, एक भावना' को बेहतरीन ढंग से दर्शाता है।
 
यह गान भारतीयों को उन सभी अनोखे तरीकों को प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित करता है, जिसमें वे अलग-अलग ढंग से एक ही त्योहार मनाते हैं। कू ऐप पर यूजर्स- Milerangmeratumhara (मिले रंग मेरा तुम्हारा), SabkiBoliHappyHoli (सबकी बोली हैप्पी होली), IndiaKiHoli (इंडिया की होली) जैसे हैशटैग के माध्यम से वीडियो और तस्वीरें शेयर कर रहे हैं जो उनके रिवाजों, त्योहार के पकवानों, व्यंजनों और विरासत को बेहतरीन रूप से पेश करते हैं।
इस संबंध में कू ऐप के प्रवक्ता ने कहा कि हमारा मंच हर उस चीज़ को सलाम करता है जिसे भारत मनाता है; चाहे वह खेल हो, चुनाव हो, फिल्में हो या त्योहार। होली भारत के सबसे मशहूर त्योहारों में से एक है और इसे राज्यों में अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है। 2022 इसलिए खास है क्योंकि लोगों को अब टीका लग चुका है और लोग दो साल बाद होली को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाने के लिए उत्सुक हैं।
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अपनी मूल भाषा में लोगों को खुद को व्यक्त करने का अधिकार देने वाले एक मंच के रूप में कू ऐप- HarRangKiHoli के जरिये भारत के त्योहारी माहौल को सामने लाने के लिए रोमांचित है। हम सभी को अपने मंच पर आने, अपनी होली परंपराओं को साझा करने और समान विचारधारा वाले लोगों के साथ बातचीत करने के लिए आमंत्रित करते हैं। आप सभी को सुरक्षित और खुशियों भरी होली की शुभकामनाएं!
 
उल्लेखनीय है कि Koo App की लॉन्चिंग मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी, ताकि भारतीयों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति करने में सक्षम किया जा सके। भारतीय भाषाओं में अभिव्यक्ति के लिए एक अनोखे मंच के रूप में Koo App भारतीयों को हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में खुद को ऑनलाइन मुखर बनाने में सक्षम बनाता है।
 

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