हिट एंड रन मामलों पर नए कानून के विरोध में लगातार दूसरे दिन भी ट्रक ड्राइवर सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और जम्मू कश्मीर समेत 10 राज्यों में हड़ताल से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। हड़ताल की वजह से इन सेवाओं पर पड़ा बुरा असर...
सड़क यातायात प्रभावित : कई स्थानों पर ट्रक ड्राइवरों ने सड़क पर अपने ट्रक आड़े लगा दिए। इस वजह से सड़कों पर लंबा जाम लग गया। बसें बंद होने की वजह से लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आने जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। निजी वाहनों से सफर करने वालों को भी रोका जा रहा है। हालांकि पुलिस यातायात व्यवस्था सुचारु रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
पेट्रोल पंपों पर कतारें : ड्राइवरों की हड़ताल की वजह से पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई। इस वजह से पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। जल्द ही पेट्रोल पंपों ईंधन खत्म हो गया और इन्हें बंद कर दिया गया। हालांकि मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में सरकार ने इस मामले में एक्शन लिया और कई पेट्रोल पंपों तक टैंकरों से पेट्रोल डीजल की पहुंचाने का प्रयास किया।
बढ़ेगी महंगाई : ट्रक ड्राइवरों ने सोमवार से ही अपने ट्रक सड़कों पर खड़े कर दिए हैं। इस वजह से सामान की सप्लाई बंद हो गई है। इसका सीधा असर दूध और सब्जियों के दामों पर पड़ा। अगर सामान की आपूर्ति जल्द ही बहाल नहीं हुई तो सभी वस्तुएं महंगी हो जाएगी।
ट्रेनों में बढ़ेगी भीड़ : बड़ी संख्या में लोग बसों से एक शहर से दूसरे शहर की यात्रा करते हैं। सड़क यातायात ठप होने की वजह से ट्रेनों और प्लेनों में भीड़ बढ़ने की संभावना है। नव वर्ष पर पहले ही ट्रेनें फुल चल रही है, विमानों में भी बड़ी संख्या में लोग सफर कर रहे हैं।
क्यों हो रही है हड़ताल : नए कानून के मुताबिक हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया है। नए कानून के मुताबिक यदि कोई वाहन चालक एक्सीडेंट के बाद घटनास्थल से भाग जाता है और पीड़ित की मौत हो जाती है, तो उसे 10 साल की सजा दी जा सकती है। यदि दुर्घटना के बाद संबंधित ड्राइवर व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाता है तो उसकी सजा कम किए जाने का प्रावधान है। सरकार का कहना है पुराना कानून औपनिवेशिक कानून है। इसलिए उसने कानून में बदलाव किया है।
क्या है पुराना कानून : पुराना कानून में 304ए के तहत लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण मौत होने पर दो साल की सजा का प्रावधान है। इसी को अब बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। पुराने कानून के तहत असाधारण मामलों में 302 (हत्या) का आरोप लगाया जाता है।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की परिवहन समिति के अध्यक्ष मुकाती ने बताया कि हिट एंड रन के मामलों में सरकार द्वारा अचानक पेश कर दिए गए कड़े प्रावधानों को लेकर चालकों में आक्रोश है और उनकी मांग है कि इन प्रावधानों को वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को हिट एंड रन के मामलों में विदेशों की तर्ज पर सख्त प्रावधान लाने से पहले विदेशों की तरह बेहतर सड़क और परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।