Silkyara Tunnel Rescue: सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा होने में लगता है कि अभी और वक्त लग सकता है। ऑपरेशन के दौरान ऑगर मशीन टूटने की खबर है, इसके टूटे हुए हिस्से बाहर निकाले गए हैं।
बता दें कि 8 राज्यों के 41 मजदूर टनल में फंसे हैं, जिस तरह से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है, उस हिसाब से मजदूरों को बाहर आने में अभी और समय लग सकता है।
मजदूरों की तबियत बिगड़ी : शनिवार को टनल के अंदर 3 मजदूरों की तबीयत बिगड़ गई है, डॉक्टर ने पाइप के जरिए जरूरी दवाएं दीं, तीनों मजदूरों को सिरदर्द उल्टी और सीने में दर्द की शिकायत बताई गई है। कुछ मजदूरों ने खाना खाना छोड़ा, सुबह से मजदूरों ने खाना नहीं खाया, मजदूरों को टेंशन हो रही है, परिजनों से बातचीत में मजदूर भावुक हो गए, तत्काल तीन मनोचिकित्सक मौके पर भेजे गए जो अब मजदूरों से बात करेंगे।
कब और कैसे निकलेंगे मजदूर : बता दें कि उत्तरकाशी के सिल्कयारा सुरंग हादसे (Uttarkashi Silkyara Tunnel Collapse) के बाद बचाव अभियान में तीसरी बार रुकावट आ गई है। इस बार की बाधा को सबसे बड़ा माना जा रहा है। इस बात की संभावना बढ़ती जा रही है कि अब ऊपर से नीचे की ओर ड्रिलिंग के साथ ही मैनुअल ड्रिलिंग का फैसला किया जा सकता है। इससे उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ध्वस्त सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों का भाग्य अब भी अनिश्चित बना हुआ है। बचाव अभियान में शुक्रवार रात एक बड़ी समस्या आ गई। जिससे निकासी के लिए तैनात एजेंसियों को फिलहाल ड्रिलिंग रोकनी पड़ी। बचाव अभियान के अंतिम चरण में अमेरिकी बरमा मशीन के मेटल ग्राइंडर से टकरा गई। इससे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबी और अन्य केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के जरिये उत्तरकाशी बचाव स्थल पर फंसे हुए मजदूरों को निकालने की समयसीमा फिर बढ़ गई है।
Edited By : Navin Rangiyal