श्रीनगर। पीपल्स एलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी या गुपकार गठबंधन) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में जम्मू-कश्मीर को लेकर हाल में हुई सर्वदलीय बैठक के नतीजे पर निराशा जताते हुए सोमवार को कहा कि इसमें राजनीतिक कैदियों तथा अन्य कैदियों की रिहाई जैसे विश्वास बहाली के ठोस कदमों का अभाव है।
पीएजीडी के प्रवक्ता एवं माकपा नेता एमवाई तारिगामी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि रविवार शाम को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में उनके आवास पर गुपकार गठबंधन की बैठक हुई थी। गुपकार का यह भी मानना है कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होने के बाद ही विधानसभा चुनाव होने चाहिए।
इसमें बताया गया कि बैठक में गठबंधन की उपाध्यक्ष एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, तारिगामी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता हसनैन मसूदी, पीपल्स मूवमेंट के प्रमुख जावेद मुस्तफा मीर और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुजफ्फर अहमद शाह शामिल हुए।
प्रवक्ता ने बताया कि 24 जून को दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक के बारे में चर्चा करने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी।
पीएजीडी के सभी सदस्यों ने दिल्ली में हुई बैठक के परिणामों पर निराशा जताते हुए कहा कि इनमें विशेष रूप से राजनीतिक कैदियों तथा अन्य कैदियों को जेलों से रिहा करने तथा जम्मू-कश्मीर में 2019 से बने कथित दबाव के माहौल को समाप्त करने जैसे विश्वास बहाली के कोई ठोस कदम का अभाव था।
तारिगामी ने कहा कि विश्वास बहाली के कदमों (सीबीएम) से जम्मू कश्मीर की जनता तक पहुंच की अत्यंत जरूरी प्रक्रिया शुरू हो पाती जो जम्मू कश्मीर की समस्या में सबसे बड़े पक्ष और सबसे ज्यादा पीड़ित हैं।