नई दिल्ली। देश में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू होने की पहली वर्षगांठ पर रविवार को ‘जीएसटी दिवस’ मनाया जाएगा। इसने भारतीय कराधान क्षेत्र में अप्रत्याशित सुधारों के प्रति करदाताओं के उत्साह और भागीदारी का पूरी दुनिया में एक बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है।
वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि सरकार एक जुलाई 2018 को ‘जीएसटी दिवस’ मनाएगी। देश में पिछले साल एक जुलाई को जीएसटी लागू किया गया था। संसद के केन्द्रीय कक्ष में 30 जून और एक जुलाई 2017 की मध्यरात्रि को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में जीएसटी को देश में लागू किया गया।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि ‘केन्द्रीय रेल, कोयला, वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री पीयूष गोयल इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे जबकि वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला भी इस अवसर पर उपस्थित होंगे।’ जीएसटी में करीब एक दर्जन करों को समाहित किया गया है।
केन्द्र स्तर पर लगने वाले उत्पाद शुल्क, राज्यों में लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) और कई स्थानीय शुल्कों को जीएसटी में समाहित किया गया जिसके बाद देश में ‘एक राष्ट्र, एक कर’ की यह नई प्रणाली लागू हुई।
मंत्रालय ने इस अवसर पर जारी विज्ञप्ति में कहा कि ‘जीएसटी का पहला साल भारतीय करदाताओं के इस अप्रत्याशित कर सुधार की व्यवसथा में भागीदार बनने को लेकर तैयार रहने का बेहतर उदाहरण दिखाता है।’
इसमें कहा गया है कि इलेक्ट्रानिक वे-बिल इस प्रणाली के तहत पहले के विभागीय नीतिगत मॉडल से आगे बढ़कर एक ‘स्व-घोषित मॉडल’ की दिशा में अहम बदलाव है। इसमें ई-वे बिल हासिल कर पूरे देश में माल की बिना किसी रोक टोक के बाधामुक्त आवाजाही सुनिश्चित हो सकती है।
देश में अंतरराज्यीय ई-वे बिल व्यवस्था एक अप्रैल 2018 से लागू हुई है जबकि राज्यों के भीतर माल परिवहन के लिए ई-वे बिल लेने की व्यवस्था को 15 अप्रैल से चरणों में लागू किया गया। (भाषा)