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अपना ही रिकॉर्ड को तोड़कर अयोध्या ने फिर बनाया विश्व रिकॉर्ड

अपना ही रिकॉर्ड को तोड़कर अयोध्या ने फिर बनाया विश्व रिकॉर्ड

अवनीश कुमार

, शनिवार, 26 अक्टूबर 2019 (21:00 IST)
उत्तरप्रदेश की अयोध्या को जिस घड़ी का इंतजार था, आखिर वह घड़ी आ ही गई और पूरा अयोध्या दीपोत्सव के त्योहार में झूम रहा है। चारों तरफ उजाला ही उजाला और दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं की भीड़, अद्भुत नजारा था। 
 
इसी बीच, अयोध्या नगरी ने अपने ही पुराने विश्व रिकॉर्ड को तोड़ते हुए एक नया विश्व रिकॉर्ड दीपोत्सव के दिन दीप जलाकर कायम कर दिया है। इसकी पुष्टि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने भी कर दी है। इसके बाद अयोध्या में चारों तरफ जय श्रीराम के नारों के साथ चारों ओर उत्साह और खुशी का मंजर देखने को मिल रहा है।
 
अयोध्या वालों के साथ इस खुशी में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के अन्य मंत्रियों के साथ मौजूद हैं। आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले प्रभु श्रीराम का राज्याभिषेक किया और उसके ठीक बाद राम की पैड़ी के तट पर 5 लाख 50 से अधिक मिट्टी के दीपक जलाकर अयोध्या में दीपोत्सव पर विश्व रिकॉर्ड बनाया और सरयू नदी के तट पर जलाए गए 3 लाख 100 मिट्टी के दीयों के पिछले साल के अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ा।
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इस रिकॉर्ड को देखने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की एक टीम मौजूद रही। दीपोत्सव कार्यक्रम में शिरकत कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीपावली असत्य एवं अन्याय के विरुद्ध संघर्ष एवं विजय का उत्सव है। यह अंधकार पर प्रकाश, कपट पर सरलता की विजय का भी परिचायक है।
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मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में दीपावली के आयोजन की प्राचीन और गौरवशाली परंपरा को ‘दीपोत्सव‘ के आयोजन के माध्यम से पुनर्प्रतिष्ठित कर, सम्पूर्ण विश्व समुदाय को अयोध्या की महिमा से परिचित कराने का कार्य कर रही है।
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दीपावली का आयोजन तब से होता आ रहा है, जब 14 वर्ष के वनवास के बाद भगवान श्रीराम माता सीता और अपने अनुज लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या पहुंचे थे। उनके आगमन पर अयोध्यावासियों ने अमावस की काली रात को दीपकों के प्रकाश से आलोकित कर दिया था। दीपावली उसी परम्परा को जीवंत करती है।
 
उन्होंने अपने संबोधन के अंत में प्रदेशवासियों से पर्यावरण के प्रति सतर्क रहने का आह्वान करते हुए कहा कि पटाखों का उपयोग करते समय जागरूकता एवं संवेदनशीलता का परिचय दिया जाना चाहिए और सभी को उन्होंने दीपावली की शुभकामनाएं भी दीं।

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