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भारत ने ब्रिटेन से आने-जाने वाली फ्लाइट से रोक हटाई, 8 जनवरी से शुरू होंगी उड़ानें

भारत ने ब्रिटेन से आने-जाने वाली फ्लाइट से रोक हटाई, 8 जनवरी से शुरू होंगी उड़ानें
, शुक्रवार, 1 जनवरी 2021 (21:01 IST)
नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन के बीच 8 जनवरी से हवाई यात्रा सेवाएं बहाल होने के बाद दोनों देशों के बीच प्रति सप्ताह सिर्फ 30 उड़ानों का परिचालन होगा। नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को यह घोषणा की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह व्यवस्था 23 जनवरी तक जारी रहेगी।
 
पुरी ने कहा कि भारतीय और ब्रिटिश एयरलाइनें, उपरोक्त अवधि के दौरान सिर्फ दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद से (ब्रिटेन के लिए) तथा (ब्रिटेन से भारत के) इन शहरों तक के लिए प्रति सप्ताह 15-15 उड़ानों का परिचालन करेंगी। दिसंबर में दोनों देशों के बीच प्रति सप्ताह 60 से अधिक यात्री उड़ानों का परिचालन हुआ था।
 
हालांकि, विमानन मंत्रालय ने दोनों देशों के बीच सभी यात्री उड़ानें 23 दिसंबर से निलंबित कर दी है। ब्रिटेन में कोरोनावायरस का एक नया प्रकार (स्ट्रेन) पाए जाने के बाद एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया।
 
पुरी ने बुधवार को यह घोषणा की थी कि भारत और ब्रिटेन के बीच यात्री उड़ानें 7 जनवरी तक स्थगित रहेंगी और इसके बाद ‘कड़े नियमों’ के तहत इनका संचालन बहाल किया जाएगा। इससे पूर्व की (उड़ान) निलंबन अवधि 23 दिसंबर से 31 दिसंबर तक थी। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया कि यह फैसला किया गया है कि भारत और ब्रिटेन के बीच उड़ानें 8 जनवरी 2021 से बहाल होंगी।
 
नए स्ट्रेन के 29 मामले : ब्रिटेन में सामने आए कोरानावायरस के एक नए प्रकार से भारत में अब तक कुल 29 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। सार्स-कोवी-2 के नये प्रकार के इन मामलों में 25 मामलों की घोषणा गुरुवार तक की गई थी। सभी 29 मरीज स्वास्थ्य संस्थानों में पृथक रखे गए हैं। 
 
इन 29 मामलों में नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) में 8, इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटरग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी), दिल्ली में दो, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स, कल्याणी (कोलकाता के पास) में एक, पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान में पांच, हैदराबाद में सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉल्यूकुलर बायोलॉजी में तीन और बेंगलुरू स्थित निमहान्स में 10 नमूनों में वायरस के इस नए प्रकार की पुष्टि हुई है।
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मंत्रालय ने कहा कि संक्रमितों के सह यात्रियों का पता लगाने, परिवार में संपर्क में आए लोगों और अन्य का पता लगाने के लिए व्यापक स्तर पर कोशिश की जा रही है। ब्रिटेन में सामने आए वायरस के नए प्रकार की मौजूदगी डेनमार्क, नीदरलैंड, आस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विटजरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में पहले ही दर्ज की जा चुकी है।
 
मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने ब्रिटेन में वायरस के नए प्रकार के सामने आने की खबरों पर पहले ही संज्ञान ले लिया था और इसे रोकने के लिए तथा इसका पता लगाने के लिए एक सक्रिय एवं एहतियाती रणनीति लागू की।
 
रणनीति के तहत 23 दिसंबर से सात जनवरी तक ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों को अस्थायी रूप से निलंबित करना और ब्रिटेन से लौटने वाले हवाई यात्रियों के लिए आटी-पीसीआर जांच अनिवार्य किया जाना भी शामिल है।
 
ब्रिटेन से लौटे और आरटी-पीसीआर जांच में संक्रमण की पुष्टि होने वाले सभी नमूनों की ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ 10 सरकारी प्रयोगशालाओं का समूह आईएनएसएसीओजी करेगा। 
 
इसके अलावा 9 दिसंबर से 22 दिसंबर के बीच भारत पहुंचे सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को केंद्र की रणनीति के तहत ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ की प्रक्रिया से गुजरना होगा, बशर्ते कि उनमें संक्रमण के लक्षण हों और उनकी कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आई हो। 
 
अन्य की जांच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देशों के मुताबिक की जाएगी। साथ ही, 23 नवंबर से भारत आये यात्रियों की समुदाय में महामारी संबंधी निगरानी की जाएगी। सार्स-कोवी-2 से निपटने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 22 दिसंबर को मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई थी। (इनपुट भाषा)

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