नई दिल्ली। भारत के संतुलित रुख ने जी-20 के बाली घोषणापत्र को अंतिम रूप देने में योगदान दिया और उसने पिछले सप्ताह बेंगलुरु में हुई वित्तमंत्रियों की बैठक में इसी तरह की सहमति को प्रदर्शित करने का प्रयास किया। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सरकार ने वित्तमंत्रियों की बैठक के बयान में पक्षपातपूर्ण टिप्पणियों को खारिज कर दिया है।
उन्होंने जी-20 वित्तमंत्रियों की अध्यक्षता के संक्षिप्त विवरण और निष्कर्ष दस्तावेज पर राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण और प्रेरित टिप्पणियों को भी खारिज कर दिया। शनिवार को वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की जी-20 बैठक यूक्रेन में युद्ध के संदर्भ में रूस और चीन की आपत्तियों के बाद एक संयुक्त विज्ञप्ति जारी करने में असमर्थ रही।
इसके बजाय वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर की 2 दिवसीय बैठक के बाद जी-20 अध्यक्ष का संक्षिप्त विवरण और निष्कर्ष दस्तावेज जारी किया गया। इसमें युद्ध पर 2 पैराग्राफ थे, लेकिन यह भी जोड़ा गया कि इस पर रूस और चीन की सहमति नहीं थी।
किसी विशिष्ट टिप्पणी का उल्लेख किए बिना एक सूत्र ने कहा कि हमने जी-20 वित्तमंत्रियों के अध्यक्ष के सारांश और निष्कर्ष दस्तावेज पर राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण और प्रेरित टिप्पणियों को देखा है। तथ्य यह है कि यह भारत का सुविचारित और संतुलित रुख है जिसने बाली घोषणापत्र को तैयार करने में योगदान दिया।
सूत्र ने कहा कि विशेष रूप से प्रधानमंत्री का यह कथन कि 'यह युद्ध का युग नहीं है', बहुत प्रतिध्वनित हुआ। हमारा प्रयास जी-20 के वित्तमंत्रियों की बैठक में बाली की सहमति को प्रदर्शित करना था। यह अध्यक्ष के सारांश और परिणाम दस्तावेज में व्यक्त किया गया था।
कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर ने मीडिया को एक साक्षात्कार में यूक्रेन पर भारत की प्रारंभिक स्थिति की आलोचना करते हुए सुझाव दिया कि यह असंगत है और विशेष रूप से भारत द्वारा, रूस द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन की निंदा नहीं करने का उल्लेख किया गया।
जब जी-20 के वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक में संयुक्त विज्ञप्ति जारी करने में विफल रहने के बारे में पूछा गया तो थरूर ने यूक्रेन पर भारत की स्थिति में विरोधाभास का संकेत दिया। नवंबर में बाली में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन ने यूक्रेन संघर्ष को तत्काल समाप्त करने का आह्वान करते हुए कहा था कि 'आज का युग युद्ध का नहीं है।' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सितंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत में यही संदेश दिया था।।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta