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संदेशखाली मामला : सरकार ने चलाया जनसंपर्क कार्यक्रम, ग्रामीणों की 1250 से ज्‍यादा शिकायतें मिलीं

18 फरवरी से शुरू हुआ सरकारी सहायता शिविरों का संचालन

Sandeshkhali violence case

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

कोलकाता , रविवार, 25 फ़रवरी 2024 (06:00 IST)
More than 1250 complaints were received from villagers in Sandeshkhali : पश्चिम बंगाल के अशांत संदेशखाली क्षेत्र में सरकारी शिविरों में भूमि विवादों से संबंधित 400 शिकायतों सहित कुल 1,250 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जहां प्रशासन स्थानीय लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए एक जनसंपर्क कार्यक्रम चला रहा है।
 
अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं पर भूमि अतिक्रमण और यौन दुर्व्यवहार के आरोपों के कारण हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शन का केंद्र रहे संदेशखालि के ब्लॉक-2 में सबसे अधिक करीब 1000 शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
 
बशीरहाट उप-संभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 18 फरवरी से सरकारी सहायता शिविरों का संचालन शुरू हुआ, जिसके बाद से संदेशखाली और आसपास के क्षेत्रों से अब तक 1,250 से अधिक शिकायतें मिली हैं, जिनमें से अधिकांश संदेशखाली ब्लॉक-2 से आई हैं।
संदेशखाली ब्लॉक-2 के बीडीओ अरुण कुमार सामंत के अनुसार, उनके कार्यालय को ग्रामीणों की 1,000 से अधिक शिकायतें मिली हैं। सामंत ने कहा, कुल शिकायतों में से लगभग 400 भूमि मामलों से संबंधित हैं, जिनमें अनधिकृत कब्जे और भूमि स्वामित्व में परिवर्तन जैसे विभिन्न मुद्दे शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, हमें राज्य की कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंचने में कठिनाइयों को उजागर करने वाले आवेदन भी प्राप्त हुए हैं।
इस बीच, संदेशखाली ब्लॉक-1 के अधिकारियों ने 250 शिकायतें दर्ज की हैं, जिनमें से 14 भूमि विवादों से संबंधित हैं। संदेशखाली (ब्लॉक-1) के बीडीओ सायंतन सेन ने कहा, अब तक हमें स्थानीय लोगों से उनकी शिकायतों के बारे में 250 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
 
यौन शोषण और दुर्व्यवहार के आरोपों पर भी गौर कर रही पुलिस : संदेशखाली के स्थानीय टीएमसी विधायक सुकुमार महतो ने कहा कि सरकार ने भूमि विवादों को सुलझाने के लिए सकारात्मक रुख अपनाया है। उन्होंने बताया, हम भूमि संबंधी शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए प्रयासरत हैं। इसके अतिरिक्त जबरन वसूली के आरोपों के समाधान में तेजी लाने के प्रयास जारी हैं। पुलिस यौन शोषण और दुर्व्यवहार के आरोपों पर भी गौर कर रही है।
 
इस बीच, भाजपा ने टीएमसी और स्थानीय प्रशासन पर महिलाओं के खिलाफ अपराध और ग्रामीणों के शोषण में मिलीभगत का आरोप लगाया। भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने दावा किया, उनकी निगरानी में ऐसे अत्याचार क्यों हुए? तृणमूल कांग्रेस और स्थानीय प्रशासन ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा को अंजाम देने में मिलीभगत की।
 
ग्रामीणों से छीनी गई जमीन तुरंत वापस की जाए : वहीं डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) की पश्चिम बंगाल की सचिव मीनाक्षी मुखर्जी ने शनिवार को मांग की कि उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली क्षेत्र में ग्रामीणों से छीनी गई जमीन तुरंत वापस की जाए। मुखर्जी ने कहा, हम चाहते हैं कि प्रशासन तुरंत ग्रामीणों की कृषि भूमि वापस करने के लिए कदम उठाए, जिसे टीएमसी नेताओं शाहजहां शेख, शिबा प्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार ने हड़प लिया था और मछली पालन के लिए जलाशयों में बदल दिया था।
 
5 जनवरी को ED की टीम पर भीड़ ने किया था हमला : प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम पर 5 जनवरी को भीड़ ने उस समय हमला किया था जब उन्होंने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में टीएमसी नेता शाहजहां शेख के आवास में प्रवेश करने की कोशिश की थी। हमले में तीन अधिकारी घायल हो गए थे। संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने शेख और उसके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

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