Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

केलों व अंडों की मनमानी कीमतें वसूलने के बाद मोदी सरकार फाइव स्टार होटलों पर कसेगी लगाम

केलों व अंडों की मनमानी कीमतें वसूलने के बाद मोदी सरकार फाइव स्टार होटलों पर कसेगी लगाम
, मंगलवार, 13 अगस्त 2019 (18:07 IST)
नई दिल्ली। राहुल बोस के 5 सितारा होटल में सिर्फ 2 केलों के लिए 442 वसूलने और 'ऑल द क्वीन्स मेन' के लेखक कार्तिक धर के 2 उबले अंडों की कीमत 1,700 रुपए के बिल ट्‍विटर पर पोस्ट करने के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ था।
 
अब मोदी सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने इस मामले पर कहा कि केलों और और अंडों जैसे खाने की चीजों पर मनमाने पैसे वसूलने पर सरकार 5 सितारा होटलों से स्पष्टीकरण मांगेगी।
 
पासवान ने कहा कि उनका मंत्रालय संबंधित 5 सितारा होटलों से सफाई मांगेगा कि उन्होंने किस आधार पर ए शुल्क लगाया है? उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों पर नकेल कसने के लिए हाल ही में बनाए गए उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत नियम और कानून बनाने के समय प्रावधान किए जाएंगे।
 
पासवान के किया वीडियो का जिक्र : पासवान ने वायरल हुए एक वीडियो का जिक्र किया जिसमें अभिनेता राहुल बोस को चंडीगढ़ के 5 सितारा होटल जेडब्ल्यू मैरियट में 2 केलों के लिए 442 रुपए का बिल भरना पड़ा था। एक और 5 सितारा होटल द्वारा 2 उबले हुए अंडों के लिए 1,700 रुपए का बिल दिया गया था जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
 
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और मीडिया में शिकायतें और खबरें हैं कि केले और अंडे जैसी वस्तुओं के लिए कुछ 5 सितारा होटलों द्वारा काफी ज्यादा पैसे वसूल किए गए है। यह एक गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण मामला है। कैसे 5 सितारा होटल 2 केले के लिए 442 रुपए और 2 अंडों के लिए 1,700 रुपए का शुल्क ले सकते हैं? जबकि ये सामान खुले बाजार में बहुत सस्ती दरों पर बेचे जाते हैं।
 
दोहरे एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) की अनुमति नहीं दी जाएगी। पासवान ने कहा कि सरकार उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत ऐसी मामलों की जांच करने के लिए नियम बनाएगी जिसे हाल ही में संसद द्वारा पारित किया गया था।
 
एफएचआरएआई ने दिया था जीएसटी का हवाला : सोशल मीडिया पर मामला बढ़ने के बाद फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) ने हालांकि जेडब्ल्यू मैरियट, चंडीगढ़ का बचाव किया था। उनका तर्क था कि होटल ने कुछ भी 'अवैध' नहीं किया है। उसने कहा कि होटल परिसर में परोसे जाने वाले भोजन और पेय पदार्थ पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाना कानूनसम्मत है।
 
एफएचआरएआई का तर्क था कि एक खुदरा स्टोर से केला बाजार मूल्य पर खरीदा जा सकता है, पर बड़ी होटलों में केवल सामान ही नहीं बल्कि उसके साथ सेवा, गुणवत्ता, प्लेट, कटलरी, साथ में अन्य चीजें, स्वच्छ किए गए फल, विशेष परिवेश और विलासिता भी दी जाती है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Article 370 : पाकिस्तान को पता चली औकात, नहीं मिला कहीं भी समर्थन, अब प्रोपेगंडा