नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (पीएमएलए) और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (एफईएमए) 1999 के प्रावधानों के तहत ऐसे कई मामलों की जांच कर रहा है जो क्रिप्टो करेंसी से संबंधित है।
लोकसभा में पी वेलूसामी के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी।सीतारमण ने कहा कि आज की तारीख तक 953.70 करोड़ रुपए की राशि की अपराध सामग्री को कुर्क/जब्त किया गया या रोक लगाई गई है और पांच लोगों की गिरफ्तारी की गई है। विशेष न्यायालय, पीएमएलए में छह अभियोजन की शिकायतें दर्ज की गई है जिसमें एक शिकायत पूरक अभियोजन की भी है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (एफईएमए) 1999 के अंतर्गत 289.28 करोड़ रुपए राशि की परिसम्पत्ति भी एफईएमए की धारा 37क के तहत जब्त की गई है। वित्तमंत्री ने बताया कि क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज जनमाई लैब्स प्रालि के निदेशकों को भी एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है जो ऐसे मामले में है जिसमें 2790.74 करोड़ रुपए की क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन में शामिल है।
उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्ब बैंक ने 24 दिसंबर 2013, एक फरवरी 2017 और पांच दिसंबर 2017 को सार्वजनिक नोटिस जारी करके वर्चुअल करेंसी के प्रयोगकर्ताओं, धारकों और व्यापारियों को इस बात के लिए सावधान कर दिया है कि क्रिस्टो करेंसी का कारोबार करना आर्थिक, वित्तीय और परिचालनात्मक विधिक ग्राहक संरक्षण और जोखिम संबंधी सुरक्षा से जुड़ा होता है।
सीतारमण ने कहा कि धनशोधन और आतंकवादी वित्त पोषण में वर्चुअल परिसम्पत्ति के बढ़ते प्रयोग का सामना करने के लिए जी20 समूह के मंत्रियों के अनुरोध पर वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) के पूर्ण सत्र में इसके मानकों पर विचार विमर्श किया गया था।
उन्होंने कहा कि इसमें एफएटीएफ की सिफारिशों और उसकी शब्दावली में किए गए संशोधन भी शामिल हैं जिससे यह बात स्पष्ट की जा सके कि वर्चुअल परिसम्पत्तियों के मामले में किस प्रकार के कारोबार और क्रियाकलापों पर एफएटीएफ की अपेक्षाएं लागू होती हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)