नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' से संबंधित अपने पूर्व के अंतरिम आदेश में कोई भी संशोधन करने से मंगलवार को इंकार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अंतरिम आदेश में संशोधन का मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकारों का अनुरोध यह कहते हुए ठुकरा दिया कि फिल्मों के प्रमाणन के लिए एक सांविधिक संस्था मौजूद है और इस बारे में उसने भी पहले ही आदेश सुना दिया है।
न्यायालय ने कहा कि वह गत सप्ताह के अपने अंतरिम आदेश में संशोधन नहीं करेगा। उसने एक बार फिर कहा कि कानून-व्यवस्था बनाना राज्यों का काम है और उन्हें (राज्यों को) यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कानून-व्यवस्था बनी रहे।
इससे पहले राजस्थान सरकार की ओर से पेश हो रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम (सरकार) फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति नहीं मांग रहे हैं, बल्कि हम शीर्ष अदालत के पूर्व के अंतरिम आदेश में कुछ संशोधन चाहते हैँ।
इस पर न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि लोगों को यह समझना चाहिए कि फिल्मों के प्रमाणन के लिए अलग से एक सांविधिक इकाई है और हमने भी अपना आदेश पिछले सप्ताह सुना दिया है। राज्यों को कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।
गौरतलब है कि न्यायालय ने गत सप्ताह मध्यप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में पद्मावत की रिलीज पर रोक के राज्य सरकारों के फैसले पर स्थगनादेश जारी किया था। (वार्ता)