नई दिल्ली। राफेल सौदे को लेकर जहां एक तरफ विपक्ष मोदी सरकार पर हमला कर रहा है, वहीं मोदी सरकार 1.4 लाख करोड़ रुपए के 114 नए लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा सौदा होगा।
खबरों के अनुसार, वायुसेना ने अरबों डॉलर के लड़ाकू विमान खरीद सौदे के लिए शुरुआती निविदा जारी की है। अधिकारियों के मुताबिक, भारत में अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी लाने के मकसद से हाल में शुरू हुए रणनीतिक भागीदारी मॉडल के तहत भारतीय कंपनी के साथ मिलकर विदेशी विमान निर्माता लड़ाकू विमानों का उत्पादन करेंगे।
वायुसेना पुराने हो चुके कुछ विमानों को बाहर करने के लिए अपने लड़ाकू विमान बेड़े की गिरती क्षमता का हवाला देते हुए विमानों की खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर दे रही है। सरकार द्वारा 5 साल पहले 126 मध्यम बहु भूमिका के लड़ाकू विमान की खरीद प्रक्रिया को रद्द करने के बाद लड़ाकू विमानों के लिए यह पहला बड़ा सौदा होगा।
इससे पहले राजग सरकार ने सितंबर 2016 में 36 राफेल दोहरे इंजन वाले लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए फ्रांस सरकार के साथ करीब 59000 करोड़ रुपए के सौदे पर दस्तखत किए थे। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण 114 और विमान खरीदने की डील को जल्द हरी झंडी देने वाली हैं।
माना जा रहा है कि यह सौदा अगले महीने तक हो जाएगा। भारत को अभी और लड़ाकू विमान खरीदने की जरूरत है। इससे पहले भी भारत ने 136 विमान खरीदने की डील की थी, लेकिन तब मात्र 36 लड़ाकू विमान ही खरीदे थे।