FATF praises India's anti-money laundering and anti-terrorism financing system : वैश्विक धन शोधन एवं आतंकवाद के वित्त पोषण निरोधक निकाय एफएटीएफ ने बृहस्पतिवार को भारत पर अपनी बहुप्रतीक्षित पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट जारी की। एफएटीएफ ने कहा कि देश की प्रणालियां प्रभावी हैं, लेकिन इन मामलों में अभियोजन को मजबूत करने के लिए बड़े सुधारों की आवश्यकता है।
पेरिस मुख्यालय वाली संस्था द्वारा 368 पृष्ठों की यह रिपोर्ट जून में आयोजित पूर्ण बैठक में मूल्यांकन को अपनाए जाने के बाद जारी की गई। भारत की धन शोधन और आतंकवाद के वित्त पोषण से निपटने की व्यवस्था की पिछली समीक्षा 2010 में प्रकाशित हुई थी।
यह रिपोर्ट पिछले वर्ष नवंबर में एफएटीएफ विशेषज्ञों के भारत दौरे के बाद आई है। इसने देश को नियमित अनुवर्ती श्रेणी में रखा है, यह वह स्थान है जो केवल चार अन्य जी20 देशों को प्राप्त है। भारत का अगला मूल्यांकन 2031 में होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने धन शोधन निरोधक (एएमएल) और आतंकवाद के वित्त पोषण निरोधक (सीएफटी) प्रणाली लागू की है जो कई मायनों में प्रभावी है।
उसने हालांकि कहा कि धन शोधन और आतंकवाद के वित्त पोषण के मामलों में अभियोजन को मजबूत करने के लिए बड़े सुधार की आवश्यकता है। इसमें कहा गया है कि गैर लाभकारी क्षेत्र का आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में उपयोग न हो इसके लिए सुधार किए जाने की आवश्यकता है।
रिपोर्ट में कहा गया, भारत में धन शोधन का मुख्य स्रोत देश के भीतर की अवैध गतिविधियों से उत्पन्न होता है। उसने कहा कि देश को विभिन्न प्रकार के आतंकवादी खतरों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें सबसे प्रमुख खतरा आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट या आईएसआईएस) या अलकायदा से जुड़े समूहों से है, जो जम्मू-कश्मीर तथा उसके आसपास सक्रिय हैं।
रिपोर्ट में एफएटीएफ की 40 अनुशंसाओं के अनुपालन के स्तर तथा भारत की एएमएल/सीएफटी प्रणाली की प्रभावशीलता के स्तर का विश्लेषण किया गया है तथा इस बात पर सिफारिशें की गईं हैं कि प्रणाली को किस प्रकार मजबूत बनाया जा सकता है।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour