Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

फारूक अब्दुल्ला ने की पाकिस्‍तान से वार्ता की वकालत, BJP ने किया पलटवार

फारूक अब्दुल्ला ने की पाकिस्‍तान से वार्ता की वकालत, BJP ने किया पलटवार
श्रीनगर , गुरुवार, 14 सितम्बर 2023 (17:50 IST)
Jammu and Kashmir News : नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में खूनखराबा समाप्त करने के लिए पड़ोसी देश के साथ वार्ता की वकालत की तो वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करने वाले लोगों को अब सलाखों के पीछे डालने का समय आ गया है।
 
अब्दुल्ला ने कहा कि यदि भारत और पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में खूनखराबा समाप्त करना चाहते हैं और शांति का स्थाई माहौल चाहते हैं तो उन्हें वार्ता करनी होगी। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि युद्धों से न तो पहले मुद्दों का समाधान होता था और न ही भविष्य में इनसे शांति का माहौल बन पाएगा।
 
अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक हुमायूं भट के परिवार से मुलाकात करने के बाद अब्दुल्ला ने कहा, यदि बातचीत नहीं होगी तो ऐसी घटनाएं जारी रहेंगी। हम मूर्ख हैं यदि हम ऐसा सोचते हैं कि यह (हिंसा) रुक जाएगी। हम जान गंवाते रहेंगे। वार्ता के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। दोनों देशों को अपनी जिद छोड़कर बातचीत करनी चाहिए।
webdunia
जम्मू कश्मीर में अनंतनाग जिले के कोकेरनाग क्षेत्र में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में बुधवार को भट और दो अन्य सुरक्षा अधिकारी कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धोनैक शहीद हो गए थे। वहीं भाजपा नेता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करने वाले लोगों को सलाखों के पीछे डालने का समय आ गया है।
 
ठाकुर ने कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और उपाधीक्षक हुमायूं भट को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा, मुझे लगता है कि अब उन लोगों को भी जेल में डालने का समय आ गया है जो पाकिस्तान के साथ वार्ता करने की वकालत करते हैं। ये वही लोग हैं जो यहां पाकिस्तान के मुद्दे को आगे बढ़ाते हैं और उसका समर्थन करते हैं।
 
ठाकुर ने कहा कि भारत ने कई बार पाकिस्तान के साथ बातचीत की है, लेकिन पड़ोसी देश ने हमेशा धोखा दिया है। उन्होंने कहा, हमने 1947 के बाद से कई बार पाकिस्तान के साथ बातचीत की है। (अटल बिहारी) वाजपेयी बस से लाहौर गए थे लेकिन पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो अपनी शरारतपूर्ण हरकतों को कभी नहीं छोड़ेगा। आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकती।
 
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस लेने के बारे में भाजपा के कुछ नेताओं की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि युद्धों से न तो अतीत में मुद्दों का समाधान हुआ है और न ही भविष्य में शांति का माहौल बन पाएगा।
 
उन्होंने कहा, उन्हें ऐसा करने दो। उन्हें कौन रोक रहा है? यदि उन्हें लगता है कि इससे समस्या समाप्त हो जाएगी, तो उन्हें ऐसा करना चाहिए। मैं स्पष्ट कर दूं कि कोई भी मुद्दा टकराव से हल नहीं हो सकता। पाकिस्तान ने चार युद्ध लड़े हैं और सीमाओं की स्थिति अभी भी वैसी ही बनी हुई है।
 
अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद खत्म होने का दावा करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, यह परिवार और देश के लिए एक बड़ी क्षति है। आपने देखा है कि इस युवा उपाधीक्षक के अलावा एक कर्नल और एक मेजर भी शहीद हुए हैं। सरकार चिल्ला रही है कि आतंकवाद खत्म हो गया है। आप ही बताइए, क्या यह खत्म हो गया है?
 
अब्दुल्ला ने वार्ता की बहाली को लेकर अपना रुख दोहराते हुए यूक्रेन संघर्ष का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, यूक्रेन के हालात देखिए। हर तरफ विनाश है। शांति स्थापित करने के लिए रूस और यूक्रेन को वार्ता करनी होगी। यह पूछे जाने पर कि क्या वह पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की वकालत कर रहे हैं, नेकां अध्यक्ष ने कहा, वार्ता उन दोनों देशों के बीच होनी चाहिए जिनके बीच मतभेद हैं। मुझसे बात करने का कोई मतलब नहीं है। यह समस्या भारत की आजादी के बाद से ही है।
 
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से अशांति फैलाने के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि पड़ोसी देश ने कभी भी यथास्थिति स्वीकार नहीं की है। उन्होंने कहा, क्या फर्क पड़ता है? पाकिस्तान कहता रहा है कि उसे यह स्वीकार नहीं है। वे आप पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव थोपते हैं। आप उन्हें क्या कहेंगे? वे कह रहे हैं कि हमें यह फैसला स्वीकार नहीं है।
 
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह इस संबंध में कुछ प्रकाश डालने की स्थिति में नहीं हैं कि ये आतंकवादी कहां से आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं से संकेत मिलता है कि वे अत्यधिक प्रशिक्षित हैं और पाकिस्तान के अलावा किसी अन्य देश से हो सकते हैं।
 
उन्होंने कहा, मैं न तो खुफिया विभाग में हूं और न ही सरकार में, इसलिए मैं नहीं कह सकता कि वे कहां से आते हैं। लेकिन वे आ रहे हैं और पूरी तरह प्रशिक्षित होकर आ रहे हैं। मुझे डर है कि ये विदेशी आतंकवादी किसी दूसरे देश के हो सकते हैं, वे बहुत अच्छी तरह से प्रशिक्षित होते हैं।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अफगानों की संलिप्तता की ओर इशारा कर रहे हैं, अब्दुल्ला ने कहा कि वह किसी पर उंगली नहीं उठाना चाहते। उन्होंने कहा, जिन्हें समझना है वे समझ जाएंगे। एक खतरा बना हुआ है। हमें हर दिन इसका सामना करना पड़ता है। हमारे लोग मर रहे हैं, हमारे जवान मर रहे हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Parliament Special Session : संसद में फिर होगा घमासान, BJP ने सांसदों के लिए जारी किया व्हिप