Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

किसानों का दिल्ली मार्च, बॉर्डर सील, सड़कों पर कीलें और बैरिकेड

केंद्रीय मंत्रियों के साथ 5 घंटे चली बैठक बेनतिजा

किसानों का दिल्ली मार्च, बॉर्डर सील, सड़कों पर कीलें और बैरिकेड

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, मंगलवार, 13 फ़रवरी 2024 (07:33 IST)
  • सुबह 10 बजे दिल्ली कूच करेंगे किसान
  • दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
  • 30 दिन के लिए दिल्ली में धारा 144 लागू
Farmers Delhi march : केंद्रीय मंत्रियों से 5 घंटे तक चली बैठक बेनतीजा रहने के बाद आज किसान दिल्ली मार्च शुरू करेंगे। मार्च को लेकर राजधानी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पंजाब हरियाणा बॉर्डर सील कर दी गई है। सड़कों पर कीलें और बैरिकेड लगा दिए गए हैं।
 
दिल्ली में धारा 144 लागू : इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने किसानों के मार्च के कारण व्यापक पैमाने पर तनाव और सामाजिक अशांति पैदा होने की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में एक महीने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
 
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा की ओर से सोमवार को जारी आदेश में किसी भी प्रकार की रैली या जुलूस निकालने तथा सड़कों एवं मार्गों को अवरुद्ध करने पर रोक लगा दी है। दिल्ली पुलिस के आदेश के तहत ट्रैक्टर रैलियों के राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं को पार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
 
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए हरियाणा की सीमा से लगती ग्रामीण सड़कों को भी सील कर दिया है। दिल्ली-रोहतक और दिल्ली-बहादुरगढ़ मार्गों पर अर्द्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है।
 
दिल्ली में जारी एक परामर्श के अनुसार, मंगलवार से सभी प्रकार के वाहनों पर पाबंदियां लागू होंगी। विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है जबकि सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए क्रेन और अन्य भारी वाहनों को तैनात किया गया है।
 
अधिकारियों ने बताया कि किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए कई सुरक्षा अवरोधक लगाए गए हैं। सड़कों पर कंटीले अवरोधक बिछाए गए हैं ताकि अगर प्रदर्शनकारी वाहनों पर सवार होकर शहर में प्रवेश करने की कोशिश करें तो उनके वाहनों के टायर पंक्चर हो जाएं।
 
हरियाणा के 15 जिलों में धारा 144 : हरियाणा के प्राधिकारियों ने 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च को रोकने के लिए अंबाला, जींद, फतेहाबाद और कुरुक्षेत्र में कई स्थानों पर पंजाब के साथ लगती राज्य की सीमा पर कंक्रीट के अवरोधक और लोहे की कील और कंटीले तार लगाकर किलेबंदी कर दी है।
 
हरियाणा सरकार ने भी दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत 15 जिलों में प्रतिबंध लगा दिए हैं। इन जिलों में पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई है और किसी भी प्रकार के प्रदर्शन करने या ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ मार्च निकालने पर प्रतिबंध है।
 
सुबह 10 बजे दिल्ली की ओर कूच करेंगे किसान : किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमें नहीं लगता कि सरकार हमारी किसी भी मांग पर गंभीर है। हमें नहीं लगता कि वे हमारी मांगों को पूरा करना चाहते हैं... हम सुबह 10 बजे दिल्ली की ओर मार्च करेंगे।
 
बैठक के बाद क्या बोले मंत्री : खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने सेक्टर 26 में महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में किसान नेताओं के साथ दूसरे दौर की बैठक की।
 
दावा किया जा रहा है कि बैठक में केंद्र सरकार ने 2020-21 के आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने पर सहमति जताई है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि किसान नेता फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाले कानून को बनाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
 
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक में शामिल हुए केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अधिकांश मुद्दों पर सहमति बन गई है और सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि शेष मुद्दों को एक समिति के गठन के माध्यम से सुलझाया जाए।
 
उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा चाहती है कि हम हर मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझा सकें... हम अब भी आशान्वित हैं और बातचीत का स्वागत करते हैं।
 
समझा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रियों ने पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने पर भी सहमति जताई है। बैठक में भाग लेने वाले एक किसान नेता ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी मुख्य मांगों में एमएसपी की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी शामिल है। (एजेंसियां)
Edited by : Nrapendra Gupta 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

कोरेगांव भीमा मामले की जांच को भटका रही सरकार : प्रकाश अंबेडकर