Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

नजरिया: इस्तीफे का कार्ड खेल नवजोत सिद्धू मोलभाव की राजनीति में जुटे!

पंजाब में कांग्रेस को सुलझाना चाहिए सिद्धू के इस्तीफे का मसला: रशीद किदवई

नजरिया: इस्तीफे का कार्ड खेल नवजोत सिद्धू मोलभाव की राजनीति में जुटे!
webdunia

विकास सिंह

, बुधवार, 29 सितम्बर 2021 (19:50 IST)
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू पर कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुटी है। जहां एक ओर हाईकमान ने सिद्धू के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है। वहीं पंजाब के नए नवेले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पूरे मामले को सुलझाने की बात कही है।

मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि “सिद्धूजी से फोन पर आज ही बात हुई है। सरकार,पार्टी की विचारधारा को मानती है। प्रदेश अध्यक्ष पार्टी का प्रमुख होता है। उसे मजबूती से बात रखकर अपनी बात आगे लेकर आना होता है। पंजाब में कांग्रेस के लिए खराब माहौल जैसी कोई बात नहीं है। मैं भी पंजाब के लोगों के मुद्दों से पीछे नहीं हटूंगा”।

पंजाब में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में खींचतान लगातार जारी है। सिद्धू को कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़े एक दिन से ज्यादा का समय बीत गया है लेकिन तस्वीर अब तक साफ नहीं हुई है कि सिद्धू का क्या होगा।

दिल्ली से लेकर पंजाब तक कांग्रेस में नेताओं के बीच चल रहे सियासी दांवपेंच को समझने के ‘वेबदुनिया’ ने कांग्रेस की सियासत को करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई से बात की।
webdunia
‘वेबदुनिया’ से बातचीत में रशीद किदवई कहते हैं कि पंजाब में पूरा विवाद कुछ नियुक्तियों को लेकर है जोकि बहुत सामान्य बात हैं और मुझे लगता है इसका हल निकल आएगा। राजनीति में इस तरह के मनमुटाव पहले भी होते आए है और यह कोई अनहोनी घटना नहीं है। अभी सिद्धू को अलग-थलग करना मुश्किल है और कांग्रेस को इसका समाधान ढूंढना पड़ेगा।
 
रशीद किदवई सिद्धू की कांग्रेस आलाकमान को लिखी चिट्ठी का जिक्र करते हुए कहते हैं कि सिद्धू ने चिट्ठी में अपनी और कांग्रेस की छवि को लेकर चिंता जताई है। इसके साथ ही यह भी लिखा है कि वह कांग्रेस में ही रहेंगे। दरअसल पंजाब में सिद्धू एक तरह का मोलभाव करना चाह रहे है। 
 
रशीद किदवई कहते हैं कि पंजाब में कांग्रेस का पूरा मसला सुलझ जाना चाहिए क्योंकि अगर आप किसी को पद देते हो तो उसका असर भी देखना चाहिए। सिद्धू के इस्तीफे के बाद कांग्रेस आलाकमान पर दबाव होने के सवाल पर रशीद किदवई कहते हैं कि राजनीति में दबाव होता ही है चाहे भाजपा हो या कांग्रेस। पंजाब कांग्रेस के मसले को मुख्यमंत्री और पंजाब के प्रभारी को हल करना चाहिए उसके बाद आलाकमान का नंबर आता है।  

वह आगे कहते हैं कि कांग्रेस ने सिद्धू को इस भरोसे के साथ पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था कि सिद्धू का चेहरा चुनाव जीता सकता है और वहीं सिद्धू अब छवि का मुद्दा उठा रहे है। पंजाब में सिद्धू जिन अधिकारियों (डीजी) की नियुक्ति पर सवाल उठा रहे है उसको अगर सरकार हटा देती है तो उससे कांग्रेस की ही छवि अच्छी ही होगी।   

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

उरी में जिंदा पकड़े गए आतंकी ने पाकिस्तान में बैठे आकाओं को लेकर किए खौफनाक खुलासे, भारतीय सेना को लेकर कही बड़ी बात