नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। हड़ताल पर इलाहाबाद और मुंबई हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। यूपी में कर्मचारी यूनियन पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना की कार्रवाई शुरू कर दी तो महाराष्ट्र में सरकार की वार्ता की अपील बेअसर नजर आ रही है।
यूपी में कर्मचारी यूनियन नेताओं पर शिकंजा : बिजली आपूर्ति बाधित नहीं करने के पूर्व के आदेश के बावजूद प्रदेश के बिजली विभाग के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विभाग के कर्मचारी यूनियन नेताओं के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुक्रवार को शुरू की। अदालत ने इन नेताओं को जमानती वारंट जारी किया और उन्हें 20 मार्च 2023 को अदालत के समक्ष पेश होने को कहा।
इस बीच, उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने उच्च न्यायालय के आदेशों का हवाला देकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे समेत विभिन्न संगठनों के कुल 18 पदाधिकारियों को नोटिस जारी कर तत्काल हड़ताल वापस लेने को कहा है।
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने निर्देश दिया कि इस मामले में आपात स्थिति को देखते हुए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ द्वारा जमानती वारंट जारी किया जाता है और उन्हें इस अदालत में 20 मार्च 2023 को सुबह 10 बजे पेश होना आवश्यक है।
महाराष्ट्र में 5वें दिन भी हड़ताल जारी : सेवा के दौरान मौत होने पर परिवार को पेंशन देने की योजना की महाराष्ट्र सरकार की घोषणा के बावजूद हजारों सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर डटे हुए हैं। इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कर्मचारियों से वार्ता के लिए आगे आने की अपील की है।
हड़ताल की वजह से सरकारी सेवाएं प्रभावित रहीं, जबकि हड़ताली कर्मचारी के संगठनों के साझा मंच ने आरोप लगाया कि गतिरोध दूर करने के लिए सरकार कोई पहल नहीं कर रही है, इसलिए शनिवार को भी हड़ताल जारी रहेगी।
राज्य सरकार के कर्मचारियों, अर्द्ध-सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के करीब 35 संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाली समिति के संयोजक विश्वास काटकर ने कहा, 'कर्मचारियों की मौत होने पर एनपीएस के तहत लाभ देने का फैसला किया गया है, लेकिन उनका क्या जो जिंदा हैं और जिन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने से इनकार किया जा रहा है।'
वहीं दूसरी ओर बंबई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के सरकारी कर्मचारियों के प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार से पूछा कि गैर-कानूनी हड़तालों के 'खतरों को रोकने' के लिए वह क्या कर रही है? (इनपुट : भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta