नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत माल ढुलाई के लिए जरूरी ई-वे बिल 1 जून से पूरी तरह लागू हो जाएगा। राज्य के भीतर ई-वे बिल की व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी। इसके साथ ही परिषद ने 50 किलोमीटर की दूरी तक माल ले जाने पर ई-वे बिल से छूट देने का फैसला किया है।
जीएसटी परिषद की शुक्रवार को यहां हुई बैठक के बाद बताया गया कि परिषद ने राज्यों के बीच माल ढुलाई के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था 1 अप्रैल से लागू करने का फैसला किया है जबकि राज्य के भीतर माल परिवहन के लिए इसे 1 जून 2018 या उससे पहले लागू करना जरूरी है।
राज्य के भीतर ई-वे बिल की व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी। इसके साथ ही परिषद ने 50 किलोमीटर की दूरी तक माल ले जाने पर ई-वे बिल से छूट देने का फैसला किया है। पहले यह दूरी 10 किलोमीटर तय की गई थी।
पहले ई-वे बिल 1 फरवरी से लागू किया गया था, लेकिन उसी दिन इसका पोर्टल क्रैश हो जाने के कारण इसे टाल दिया गया था। अब नए सिरे से पोर्टल को तैयार किया गया है तथा उसकी क्षमता बढ़ाकर 50 लाख ई-वे बिल रोजाना की गई है। जीएसटी के तहत 50 हजार रुपए या इससे अधिक मूल्य के सामान की ढुलाई के लिए ई-वे बिल की जरूरत होती है।
जो उत्पाद जीएसटी में छूट प्राप्त या शून्य प्रतिशत के स्लैब में हैं उनकी कीमत मूल्य के आकलन में नहीं जोड़ी जाएगी। सड़क मार्ग से माल ढुलाई के लिए ई-वे बिल पहले जेनरेट करना पड़ेगा जबकि रेल, वायु या जलमार्ग से ढुलाई के लिए यात्रा शुरू होने के बाद भी बिल जेनरेट किया जा सकेगा। (वार्ता)