Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

राजस्थान में राम के वंशजों के दावेदार बढ़े, जयपुर के बाद मेवाड़ राजपरिवार ने भी किया दावा

राजस्थान में राम के वंशजों के दावेदार बढ़े, जयपुर के बाद मेवाड़ राजपरिवार ने भी किया दावा
, सोमवार, 12 अगस्त 2019 (10:51 IST)
जयपुर। उच्चतम न्यायालय द्वारा राममंदिर की सुनवाई के दौरान राम के वंशजों के बारे में सवाल पूछने के बाद राजस्थान में राम के वंशजों के दावेदारों की संख्या बढ़ गई है।
 
जयपुर राजघराने की दीयाकुमारी के दावे के बाद मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार ने भी लव का वंशज होने का दावा किया है। मेवाड़ के पूर्व महाराज महेंद्र सिंह मेवाड़ ने कहा है कि हमारा राजघराना राम के पुत्र लव का वंशज है। मेवाड़ में उनकी 76 पीढ़ियों का इतिहास दर्ज है, जबकि राजघराने का इतिहास और भी पुराना है।
 
मेवाड़ राजघराने के ही लक्ष्यराज ने बताया कि कर्नल जेम्स टार्ड की पुस्तक के मुताबिक लव के वंशज कालांतर में गुजरात होते हुए आहाड़ यानी मेवाड़ में आये जहां सिसोदिया साम्राज्य की स्थापना की गई।
 
उन्होंने कहा कि श्रीराम भी शिव उपासक थे और मेवाड़ राजपरिवार भी एक लिंगनाथ (शिवजी) का उपासक है। मेवाड़ राज परिवार के सूर्यवंशी श्री राम के वंशज होने के पुख्ता प्रमाण हैं।
 
‘विजेता प्रताप’ के लेखक प्रो़  चंद्र शेखर शर्मा का कहना है कि मेवाड़ राजपरिवार का राज प्रतीक सूर्य है और शिव उपासक हैं। ये दोनों समानतायें श्रीराम के वंशज में भी रही हैं। चतुर चिंतामणि ने भी महाराणा प्रताप को श्रीराम का वंशज अैर रघुवंशी लिखा है।
 
उधर कांग्रेस के प्रवक्ता सत्येंद्र सिंह राघव ने दावा किया है कि राम के वंशज राघव राजपूत हैं। राघव ने बाल्मीकि रामायण के पृष्ठ संख्या 1671 का उल्लेख किया है, जिसमें राम की वंशावली की जानकारी है। राघव ने बताया कि राम के पुत्र लव से राघव राजपूतों का जन्म हुआ जिनमें बगुर्जर, जयात और सिकरवारु का वंश चला, जबकि कुश से कुशवाह राजपूतों का वंश चला।
 
इससे पहले जयपुर राजघराने की पूर्व राजकुमारी दीया कुमारी ने भी लव का वंशज होने का दावा किया था। उच्चतम न्यायालय द्वारा रामलला के वकील से वंशावली के बारे में सवाल पूछने पर उन्होंने कोई जानकारी नहीं होने की बात कही थी इस पर मेवाड़ के पूर्व महाराजा महेंद्र सिंह का कहना है कि श्रीराम के वंशजों की वंशावली अयोध्या मुकदमे का मुद्दा ही नहीं है। उन्होंने दावा किया कि जयपुर राजघराने ने करीब 25 साल पूर्व वंशावली की जानकारी दी थी उसका भी कुछ नहीं हुआ। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

कैलाश मानसरोवर के यात्रियों के लिए खुश खबर, यात्रा मार्ग पर लगेंगे ऑक्सीजन बार