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लोकसभा में सरकार की ओर से एससी-एसटी अत्याचार निवारण संशोधन अधिनियम बिल पेश करने के बावजूद कई दलित संगठनों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है, लेकिन ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा के साथ ही कुछ अन्य दलों ने खुद को इस बंद से अलग कर लिया है।
खबरों के मुताबिक, एससी-एसटी अत्याचार निवारण संशोधन अधिनियम बिल लोकसभा में पेश होने के बाद भी दलित संगठन ने भारत बंद का आह्वान किया है। इसे देखते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। साथ ही प्रशासन की ओर से रेलवे, हवाई अड्डों, प्रमुख धार्मिक स्थलों पर कड़े सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। बंद को देखते हुए मध्य प्रदेश पुलिस भी हाईअलर्ट पर है।
कई जिलों में प्रशासन ने धारा-144 लगा दी है। पिछली बार दलित संगठनों के भारत बंद के दौरान मध्य प्रदेश के भिंड सहित कुछ इलाकों में भारी हिंसा हुई थी। दलित समुदाय केंद्र सरकार पर अपनी मांगों के लिए दबाव डाल रहा है और अपना संदेश सरकार तक पहुंचाने के लिए समुदाय के कार्यकर्ता आज दिल्ली के कनॉट प्लेस समेत कई व्यस्त सड़कों, बाजारों में प्रदर्शन और रैलियां करेंगे। सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाने वालों पर भी कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
डीआईजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार के अनुसार, आज भारत बंद जैसी स्थिति नहीं है लेकिन कुछ संगठनों की अपील को देखते हुए व्यापक सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश् में विभिन्न संगठनों द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर आज बुलाए गए भारत बंद को लेकर शासन ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
पहले यह बंद एससी-एसटी से संबंधित मामलों में तुरंत गिरफ्तारी के संबंध में एक्ट में बदलाव की मांग को लेकर बुलाया गया था, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा संसद सत्र में इस एक्ट में बदलाव को लेकर लाए गए बिल के बाद यह मुद्दा खत्म हो गया था। कई क्षेत्रों में अलग-अलग संगठनों द्वारा अलग-अलग मुद्दों पर बुलाए गए बंद को लेकर खुफिया एजेंसियों ने पुलिस और प्रशासन दोनों को सतर्क किया है।