Biparjoy Update : सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में तबाही मचाने वाले चक्रवाती तूफान बिपारजॉय की तीव्रता गुजरात के तटीय इलाकों में पहुंचने के कुछ घंटों बाद कम हो गई। यह बेहद गंभीर से गंभीर श्रेणी का तूफान बन गया है। शाम तक यह दक्षिण राजस्थान के ऊपर दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा। तूफान की वजह से कच्छ और सौराष्ट्र में भारी बारिश हो रही है।
चक्रवात के कारण तेज हवाएं चलने और भारी बारिश से बड़ी संख्या में पेड़ तथा बिजली के खंभे उखड़ गए और समुद्र का जल निचले इलाके के गांवों में भर गया। तेज बारिश के बीच भावनगर में एक उफनते नाले में फंसी अपनी बकरियों को बचाते समय 2 लोगों की मौत हो गई।
तेज हवाओं के कारण सैकड़ों पेड़ गिर गए, संचार टावर क्षतिग्रस्त हो गए और धूल भरी आंधी चलने से कुछ क्षेत्रों में दृश्यता शून्य हो गई। तेज हवाओं से बिजली के तार और खंभे टूट गए जिससे राज्य के 940 गांवों की बिजली गुल हो गई।
चक्रवात के मद्देनजर कई जिलों में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की कई टीम तैनात हैं। तूफान आने से पहले ही 8 तटीय जिलों में रहने वाले 94,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया था।
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने गांधीनगर में राज्य आपदा अभियान केन्द्र में हालात तथा राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। पीएम मोदी ने भी तूफान के बाद सीएम पटेल से बात की।
अरब सागर में से उठे चक्रवात बिपरजॉय का केंद्र जखौ बंदरगाह से लगभग 20 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में, देवभूमि द्वारका से 120 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में और नलिया से 50 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में था। यह सौराष्ट्र-कच्छ के तट पर शाम करीब साढ़े छह बजे पहुंचना शुरू हुआ और आधी रात के बाद यह पूरी तरह से क्षेत्र में पहुंच गया।
गुजरात तट के पास पहुंचने के दौरान चक्रवात 13 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ा। आईएमडी ने बताया कि इस दौरान हवा की गति 115-125 किलोमीटर प्रति घंटे से 140 किलोमीटर प्रति घंटा थी।
Edited by : Nrapendra Gupta