Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

नोटबंदी के लुटेरे, बढ़ा रहे हैं लोगों की मुश्किलें...

नोटबंदी के लुटेरे, बढ़ा रहे हैं लोगों की मुश्किलें...
, शुक्रवार, 2 दिसंबर 2016 (12:06 IST)
नोटबंदी के बाद से ही देश में नोटों की कमी चलते लोग परेशान हैं। वे परिशानियों का सामना करने के बाद भी कालेधन के खिलाफ चलाए जा रहे प्रधानमंत्री मोदी के इस अभियान में उनका साथ दे रहे हैं। एक ओर तो वे लोग हैं जो आम लोगों की मदद कर नोटबंदी के हीरो बनकर मानवीयता की मिसाल पेश कर रहे हैं तो दूसरी तरफ वे भी हैं जो साम, दाम, दंड, भेद अपनाकर किसी भी तरह अपने कालेधन को सफेद करने में लगे हैं। ये लोग न सिर्फ सरकार की राह में परेशानियां पैदा कर रहे हैं बल्कि नए नोटों का भंडारण कर आम लोगों की मुश्किलों को और बढ़ा रहे हैं। 
 
नोटबंदी के फैसले के बाद से ही आयकर विभाग देश में लगातार छापेमारी कर उन लोगों पर शिकंजा कस रहा है जो पुराने नोटों से नए नोटों को बदल रहे हैं। यह सारा खेल कमीशन पर चल रहा है। इसमें काला धन रखने वाला बगैर किसी परेशानी के तय रकम देकर अपनी पुरानी करेंसी को नई कर लेता है। केवल मध्यप्रदेश और छ्त्तीगढ़स में ही 40 स्थानों पर छापे मारकर आयकर विभाग ने 100 करोड़ रुपए की काली कमाई जब्त की है।
 
आयकर विभाग ने बेंगलुरु में दो स्थान पर छापे मारकर 5 करोड़ रुपए के नए नोट बरामद किए हैं। ये ऐसे नोट हैं जो नोटबंदी के बाद हाल ही छपकर बाहर आए हैं। पता चला है जिन ठिकानों पर छापा मारा गया है, वे पीडब्ल्यूडी के दो अधिकारियों के हैं। विभाग के मुताबिक छापे में 5 किलो सोना और 6 किलो सोने के आभूषण के बरामद हुए हैं। छापे के दौरान यहां से महंगी गाड़ियां भी मिली हैं।
 
अभी कुछ दिन पहले ही होशंगाबाद में आईसीआईसीआई बैंक मैनेजर भाई से एक-एक हजार रुपए के पुराने नोट बदलवाने बिहार से इटारसी आए एक इंजीनियर आलोक कुमार सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। युवक के पास से बीस लाख 78 हजार रुपए जब्त किए गए थे। चेन्नई में एक भाजपा को नेता को भी 20 लाख के नए नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया। कभी कोई प्लेन में नकदी के साथ गिरफ्तार होता है तो कभी ट्रेन में किसी के पास बड़ी संख्या में बड़े नोट मिलते हैं। हर राज्य में यह बड़ी समस्या बन गई है।  
 
एक ओर खाते में वेतन जमा होने के बाद भी करोड़ों लोग बैंकों से इसे नहीं निकाल पा रहे हैं। कई लोगों को मजबूरी में बैंकों से सड़े गले नोट लेकर काम चलाना पड़ रहा है। इन सबके पीछे भी देखा जाए तो नोटबंदी के लुटेरे ही जिम्मेदार है जो हर हाल में फिर से अपनी जेबें भरने में लगे हैं। हर हाल में इन लोगों को सबक सिखाया जाना जरूरी है। ऐसे लोग जब तक नोटबंदी से शिक्षा नहीं लेंगे तब तक मोदीजी का नोटबंदी अभियान सफल नहीं हो सकेगा।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

खबरदार, कोई रूस के मामले में टांग न अड़ाए, पुतिन ने दी चेतावनी...