Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

देश के पहले 'एरोमेटिक गार्डन' का उत्‍तराखंड के लालकुआं में हुआ उद्घाटन, मुख्य वन संरक्षक ने लिया यह संकल्‍प

देश के पहले 'एरोमेटिक गार्डन' का उत्‍तराखंड के लालकुआं में हुआ उद्घाटन, मुख्य वन संरक्षक ने लिया यह संकल्‍प

एन. पांडेय

, रविवार, 24 अक्टूबर 2021 (20:15 IST)
लालकुआं। वन विभाग के अनुसंधान प्रभाग द्वारा वन अनुसंधान केंद्र लालकुआं में 140 प्रजातियों के पौधों का रोपण कर बनाए गए देश के पहले एरोमेटिक गार्डन (सुरभि वाटिका) का महाराष्ट्र की वन टच एग्रीकान संस्था की संचालिका बीना राव तथा मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान संजीव चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से विधिवत शुभारंभ करते हुए सगंध प्रजातियों को संरक्षित करने का संकल्प लिया।

वन अनुसंधान रेंज हल्द्वानी के वन अनुसंधान केन्द्र लालकुआं स्थित एरोमेटिक गार्डन (सुरभि वाटिका) का रविवार की दोपहर विधिवत उद्घाटन महाराष्ट्र की वन टच एग्रीकॉन संस्था की संचालिका बीना राव एवं मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान संजीव चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम के दौरान उक्त सगंध उपयोगी 140 प्रजातियों के संबंध में प्रभागीय वनाधिकारी, अनुसंधान प्रभाग दीपचन्द्र पंत ने विस्तारपूर्वक अवगत कराया।
webdunia

कार्यक्रम का संचालन करते हुए वन क्षेत्राधिकारी वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी मदन बिष्ट ने बताया कि 1 हैक्टेयर क्षेत्र में स्थापित इस वाटिका में विभिन्न सगंध उपयोगी 140 प्रजातियों का रोपण किया गया है। जिसके चलते यह देश का पहला एरोमेटिक गार्डन बन गया है। जिसमें मुख्य रूप से तुलसी की 24 प्रजातियां, हल्दी एवं अदरक की 9 प्रजातियां एवं घास की 6 प्रजातियां, फूलों की 46 प्रजातियां सहित अन्य सगन्ध प्रजातियां शामिल है।
webdunia

उन्होंने बताया कि इस गार्डन को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि सगंध प्रजातियों को संरक्षित कर आम जनमानस को इन प्रजातियों के प्रति जागरूक किया जाए, ताकि भविष्य में इन प्रजातियों से रोजगार सृजित किया जा सके।
webdunia

उद्घाटन कार्यक्रम में वन क्षेत्राधिकारी मदन सिंह बिष्ट, भुवन सिंह बिष्ट, मुन्नी बोरा, नागेश्वर तथा भारी संख्या में वनकर्मी मौजूद थे। देश के पहले एरोमेटिक गार्डन के दीदार के लिए हर कोई अत्यंत उत्सुक था, जैसे ही प्रमुख वन संरक्षक अनुसंधान संजीव चतुर्वेदी ने सभी पौधों एवं उनकी प्रजातियों के बारे में व्यापक जानकारी दी तो लोग दांतों तले उंगली दबा गए।
webdunia

प्रमुख वन संरक्षक चतुर्वेदी ने कहा कि यहां स्थापित अधिकांश पौधे पर्यावरण प्रदूषण को कम करने तथा वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने और आसपास के वातावरण को सुगंधित बनाने के उद्देश्य से इस क्षेत्र का चयन कर यहां लगाए जा रहे हैं। इस वाटिका में स्थापित किए गए पौधों में अधिकांश पौधे पूरी तरह औषधीय एवं स्वास्थ्य परख हैं।
webdunia

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अनुसंधान केंद्र में ही स्थित फाइकस गॉर्डन से भी क्षेत्र को अत्यधिक लाभ होने वाला है, क्योंकि देश के दूसरे नंबर के इस फाइकस गार्डन में 121 फाइकस प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं तथा देश में इससे बड़ा फाइकस गार्डन केवल कोलकाता में ही है। उन्होंने कहा कि वन अनुसंधान केंद्र का उद्देश्य विलुप्त हो रही प्रजातियों को भी संरक्षित करना है तथा इस दिशा में यह अनुसंधान केंद्र अत्यधिक सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

आश्रम-3 की शूटिंग का भोपाल में विरोध, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने प्रकाश झा पर फेंकी स्याही