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कांग्रेस ने महंगाई पर सरकार को घेरा, कहा- देश ही नहीं हर घर का बिगड़ा हुआ है बजट

कांग्रेस ने महंगाई पर सरकार को घेरा, कहा- देश ही नहीं हर घर का बिगड़ा हुआ है बजट
, सोमवार, 28 मार्च 2022 (16:35 IST)
नई दिल्ली। राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस ने पेट्रोल एवं डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण महंगाई को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि आज देश ही नहीं, हर घर का बजट बिगड़ा हुआ है।
 
उच्च सदन में वित्त विधेयक पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि देश का बजट नहीं हर घर का बजट बिगड़ा है, जिससे लोगों को बहुत दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण परिवार के कमाने वाले सदस्यों को गंवाने वालों से जाकर पूछा जाए कि उनके लिए इस महंगाई की क्या पीड़ा है?
 
उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में वैयक्तिक वर्ग में आयकर राहत देने की बात कही गई है, किंतु इस बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान वेतनभोगी वर्ग ने सबसे अधिक संकट झेले हैं।
 
गोहिल ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण बार बार यह कहती हैं कि 32 देशों ने कोरोना महामारी के दौरान करों की दरें बढ़ाई हैं। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को यह बताना चाहिए कि इन देशों ने कोरोना काल में अपने नागरिकों की कितनी हद तक मदद की है? उन्होंने कहा कि हमारे देश की सरकार लोगों से कर वसूल कर उन अमीरों की मदद करती है जो अपने पैरों पर खड़े होने में सक्षम हैं, जबकि कर देने वाला वर्ग कोरोना के कारण बुरी तरह परेशान है।
 
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल एवं डीजल के ऊपर उत्पाद कर बढ़ाकर करोड़ों रुपए अर्जित किए हैं। कांग्रेस सदस्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब पेट्रोल एवं डीजल की कीमत बढ़ने पर उन्होंने कई बार मूल्य वर्धित कर (वैट) को कम करने की मांग यह कहते हुए ठुकरा दी थी कि केंद्र द्वारा थोपी गई महंगाई को घटाना उसकी जिम्मेदारी है, राज्य की नहीं।
गोहिल ने कहा कि जो रसोई गैस सिलेंडर 400 रुपए का हुआ करता था, वर्तमान सरकार ने उसे 1000 रुपए तक पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि बजट में सौर ऊर्जा से संबंधित कई सामग्री पर सीमा शुल्क को बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार के इस कदम से देश में हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिल पाएगा?
 
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक उद्यम सेवा आधारित होता है, लाभ आधारित नहीं होता। उन्होंने कहा कि आज यदि बीएसएनएल या रेलवे नहीं होता तो छोटे-छोटे गांवों में इनकी सुविधा कैसे पहुंच पाती?
 
उन्होंने कहा कि एक तरफ दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल से कहा जाता है कि वह अपना सारा सामान भारतीय बाजार से खरीदे जबकि निजी कंपनी विदेशी बाजारों से अपना सामान खरीदते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में यह उम्मीद कैसे की जा सकती है कि बीएसएनएल निजी दूरसंचार कंपनियों से प्रतिस्पर्धा कर पाएगी? गोहिल ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘जियो को जीने दो पर बीएसएनएल को मत मरने दो।’

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