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वरिष्ठ नेता का बयान, 'गैर गांधी' बन सकता है कांग्रेस का अध्यक्ष

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सोमवार, 24 जून 2019 (09:13 IST)
नई दिल्ली। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहने की अनिश्चितता के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने रविवार को कहा कि एक ‘गैर गांधी’ पार्टी का प्रमुख हो सकता है, लेकिन गांधी परिवार को संगठन के भीतर सक्रिय रहना होगा।
 
उन्होंने दावा किया कि भाजपा का लक्ष्य ‘गांधी मुक्त कांग्रेस’ है ताकि फिर ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का उनका उद्देश्य पूरा हो सके। अय्यर ने कहा कि अगर राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष बने रहते हैं तो यह सबसे अच्छा होगा लेकिन साथ ही राहुल की इच्छाओं का भी सम्मान होना चाहिए।
 
अय्यर ने कहा कि मैं आश्वस्त हूं कि पार्टी का अध्यक्ष कोई नेहरू-गांधी न हो तब भी हमारा अस्तित्व कायम रहेगा बशर्ते नेहरू-गांधी परिवार पार्टी में सक्रिय रहे और ऐसे संकट का समाधान निकालने में मदद करे, जहां गंभीर मतभेद उत्पन्न हों।
 
अय्यर ने कहा कि राहुल ने अध्यक्ष पद के लिए कोई अन्य विकल्प ढूंढने के लिए एक महीने का वक्त दिया है और इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के भीतर बातचीत जारी है, जहां पार्टी में ज्यादातर लोग राहुल के पद पर बने रहने के पक्ष में हैं। हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया को अटकलें लगाने की बजाय यह जानने के लिए ‘अंतिम समय सीमा’ का इंतजार करना चाहिए कि क्या कोई विकल्प मिल गया है या राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने के लिए मना लिया गया है।
 
अय्यर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह व्यक्तित्व का मामला है। मैं जानता हूं कि भाजपा का लक्ष्य गांधी मुक्त कांग्रेस और नतीजन कांग्रेस मुक्त भारत है। मेरे विचार में हम उस सोच के जाल में फंसने वाले नहीं हैं कि उन्होंने कुछ ऐसा पता लगा लिया है जिसे खोज पाने में हम असमर्थ हैं।
 
संगठन के शीर्ष पर फेरबदल की जरूरत को लेकर पूछे गए सवाल पर 78 वर्षीय अय्यर ने कहा कि अगर आप सिर ही कलम कर देंगे तो धड़ फड़फड़ाने लगेगा। अय्यर ने पार्टी के इतिहास से ऐसे कई उदाहरण पेश किए जब नेहरू-गांधी परिवार से बाहर के लोग पार्टी के अध्यक्ष रहे, यू एन ढेबर से लेकर ब्रह्मानंद रेड्डी तक।
 
उन्होंने कहा कि अब भी इस मॉडल को अपनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि सोनिया गांधी संसदीय दल की अध्यक्ष हैं और श्रीमान (राहुल) गांधी हमारे संसदीय दल के अहम हिस्से हैं, मुझे पूरा विश्वास है कि शीर्ष पद पर राहुल गांधी रहें या कोई और, पार्टी लड़ेगी और वापस अपने स्वाभाविक नेतृत्व के मुकाम पर पहुंचेगी जिसे मैं ‘आइडिया ऑफ इंडिया मूवमेंट’ कहता हूं।
 
राहुल गांधी ने 25 मई को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष के तौर पर इस्तीफा देने की पेशकश की थी, लेकिन सीडब्ल्यूसी ने सर्वसम्मति से इसे खारिज कर दिया था। हालांकि राहुल अपने पक्ष पर रुख पर कायम रहे। राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश के बाद उनके अगले कदम को लेकर लग रही अटकलों के बीच गुरुवार को उन्होंने कहा कि पार्टी फैसला ले कि उनके बाद इस पद को कौन संभालेगा और वे इस पद पर नहीं बने रहेंगे। 
 
अय्यर ने कहा कि लोकसभा चुनावों में गठबंधन करने का कांग्रेस का अंकगणित गलत साबित हो गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इतिहास में ज्यादातर समय वह एक आंदोलन रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ के साथ कांग्रेस की कोशिश विफल रही और पार्टी को धर्मनिरपेक्षता की मजबूती से वकालत करने की जरूरत है, अय्यर ने कहा, मैं ‘सॉफ्ट हिन्दुत्व’ के विचार को खारिज करता हूं क्योंकि मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस इस दिशा में बढ़ रही है।

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