नई दिल्ली। कांग्रेस ने निजता को मौलिक अधिकार करार देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इससे मोदी सरकार की 'फासीवादी साजिश 'का समय रहते पटाक्षेप हो गया जो निजता को सामान्य अधिकार का दर्जा देना चाहती थी।
कांग्रेस प्रवक्ता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां पार्टी मुख्यालय में प्रेस ब्रीफिंग में न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह संविधान लागू होने के बाद से उच्चतम न्यायालय के अहम फैसलों में से एक है।
चिदंबरम ने कहा कि 'देश ने 1947 में आजादी हासिल की थी। उसके बाद से संसद और उच्चतम न्यायालय ने समय -समय पर इसे और व्यापक तथा समृद्ध बनाया। आज हम एक बार फिर अपनी आजादी का जश्न मना सकते हैं। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले समय में निजता के अधिकार का हनन करने की दूसरी कोशिशें की जाएंगी तथा अन्य चुनौतियां और सवाल खडे होंगे लेकिन 'हम उन चुनौतियों से भी निपट लेंगे।'
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अब इस फैसले के आलोक में समलैंगिकों के अधिकार संबंधी धारा 377 और डाटा हस्तांतरण समेत इस तरह के सभी मामलों पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है।
सुरजेवाला ने फैसले को लेकर मोदी सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि यह उसके मुंह पर तमाचा है जो निजता के अधिकार को सामान्य अधिकार का दर्जा देना चाहती थी। फैसले को पथप्रदर्शक करार देते हुए उन्होंने कहा कि इससे फासीवादी साजिश का समय रहते पटाक्षेप हो गया।
उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल की दलीलों को खारिज कर दिया और देश की 130 करोड जनता को राहत दी है। उन्होंने बताया कि अटॉर्नी जनरल ने अपनी दलील में कहा था कि व्यक्ति का अपने शरीर पर भी अधिकार नहीं है। इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि न्यायालय के फैसले के बाद मोदी सरकार लोगों की निजी जिंदगी में ताकझांक करने से बाज आएगी। (वार्ता)