नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से लाए गए चीतों को छोड़े जाने के बाद शनिवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय मुद्दों को दबाने और भारत जोड़ो यात्रा से ध्यान भटकाने के लिए यह सब तमाशा खड़ा किया गया है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री शासन में निरंतरता को शायद ही कभी स्वीकार करते हैं। चीता प्रोजेक्ट के लिए 25 अप्रैल, 2010 को केपटाउन की मेरी यात्रा का ज़िक्र तक न होना इसका ताज़ा उदाहरण है। आज प्रधानमंत्री ने बेवजह का तमाशा खड़ा किया। ये राष्ट्रीय मुद्दों को दबाने और भारत जोड़ो यात्रा से ध्यान भटकाने का प्रयास है।'
उन्होंने कहा, '2009-11 के दौरान जब बाघों को पहली बार पन्ना और सरिस्का में स्थानांतरित किया गया तब कई लोग आशंकाएं व्यक्त कर रहे थे।वे गलत साबित हुए। चीता प्रोजेक्ट पर भी उसी तरह की भविष्यवाणियां की जा रही हैं। इसमें शामिल प्रोफेशनल्स बहुत अच्छे हैं। मैं इस प्रोजेक्ट के लिए शुभकामनाएं देता हूं!'
उन्होंने सदफ जफर के ट्वीट को रिट्वीट कर कहा, साहब के कैमरे से चीता तो कैद हुआ, मगर COVID 19 के दौरान जलती चिता न कैद हो पाई। तब से आज तक दिहाड़ी मजदूरों की परेशानी, छोटे कारोबारियों की तबाही ना नज़र आई, हिंसा की शिकार महिलाओं की चीत्कार नहीं सुनाई दी' नीरो हर दौर में पाया जाता है कभी फिडल बजाता रह गया था, अब फोटो खींच रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने KNP में नामीबिया से लाए गए चीतों को एक विशेष बाड़े में छोड़ा। इस मौके पर मोदी अपने पेशेवर कैमरे से चीतों की कुछ तस्वीरें भी खींचते हुए दिखाई दिए।
भारत में चीतों को विलुप्त घोषित किए जाने के सात दशक बाद उन्हें देश में फिर से बसाने की परियोजना के तहत नामीबिया से 8 चीते शनिवार सुबह कुनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंचे। पहले इन्हें विशेष विमान से ग्वालियर हवाई अड्डे और फिर हेलीकॉप्टरों से श्योपुर जिले में स्थित केएनपी लाया गया।