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मुसलमानों के अधिकारों पर अटैक कर मोदी सरकार फैला रही डर, वेबदुनिया से बोले मशहूर शायर मंजर भोपाली

नागरिकता संशोधन बिल और एनआरसी के जरिए टारगेट पर मुसलमान

विकास सिंह
बुधवार, 11 दिसंबर 2019 (09:52 IST)
मोदी 2.0 सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में लगातार बड़े फैसले लेकर अपने चुनावी घोषणा पत्र के एजेंडे को पूरा करने में लगी हुई है। पहले ट्रिपल तलाक फिर जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाना और अब नागरिकता संशोधन बिल और NRC ये सभी ऐसे बड़े फैसले है जो लंबे समय से भाजपा और संघ के एजेंडे में सबसे उपर रहे थे और वह इनको पूरा करना चाहती थी। सियासत के जानकार भी कहते हैं कि मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में तेजी से संघ के एजेंडे को पूरा करने में जुटी हुई है। 
 
मोदी 2.0 सरकार के इन ताबड़तोड़ फैसलों पर विपक्ष लगातार सरकार की नीयत पर सवाल उठा रहा है। नागारिकता संशोधन बिल और उसके बाद पूरे देश में एनआरसी कराने की गृहमंत्री अमित शाह के लोकसभा में एलान के बाद विपक्ष अब खुलकर मैदान में आ गया है। विपक्ष का आरोप हैं कि सरकार जानबूझकर देश में रहने वाले मुसलमानों को टारगेट कर रही है। 
 
सबका साथ-सबका विकास- सबका विश्वास नारे के साथ 2019 में दोबारा देश की बागडोर संभालने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति क्या देश के मुसलमानों का विश्वास कम हो रहा है, इसको लेकर वेबदुनिया ने देश के मशूहर शायर मंजर भोपाली से खास बातचीत की।  
 
देश ही नहीं पूरी दुनिया में उर्दू शायर के रुप में अपनी अलग पहचान रखने वाले सैयद अली रजा ( मंजर भोपाली ) कहते हैं कि उनकी तरह देश में करोड़ों मुसलमान सालों से सेक्युलर अंदाज में अपनी जिंदगी गुजार रहे है लेकिन अब मोदी सरकार के  CAB और NRC जैसे फैसलों से उनमें एक डर का माहौल पैदा हो रहा है।

वह पूरे देश में एनआरसी कराने के गृहमंत्री अमित शाह के फैसले का विरोध करते हुए कहते हैं कि सरहदी इलाकों के अलावा पूरे देश में इसको लागू करने का फैसला बिल्कुल गलत है। वह कहते कि हिंदुस्तान के अंदर एनआरसी करके कुछ हासिल नहीं होगा।

वह कहते हैं कि इस देश का मुसलमान अपने वतन और मुल्क से बहुत ज्यादा प्यार करता है और सरकार के इस तरह के फैसलों से उनमें एक संदेश यह जाएगा कि शायद वह इस मुल्क में गैरजरूरी है और उनको अलग थलग किया जा रहा है, जो किसी भी तरीके से सहीं नहीं है। वह कहते हैं कि कोई भी पढ़ा लिखा इंसान सरकार के इन फैसलों को सहीं नहीं ठहराएगा।  
 
वह कहते हैं कि इस तरह के फैसलों को इतिहास कभी भुलाता नहीं है भले ही ये तारीख में कुछ दिन के लिए दब जाए लेकिन फिर यह दोबारा उभर कर सामने आते है और एक नजीर के रुप में स्थापित हो जाते है। वह कहते हैं कि कुछ दिनों में सियायत पीछे चली जाएगी लेकिन इन फैसलों की खाई वर्षो तक नजर आएगी। 
 
वेबदुनिया से बातचीत में मंजर भोपाली सरकार के इन फैसलों को मुसलमानों के अधिकारों पर अटैक मानते हुए कहते हैं कि यह एक तरह से मुसलमानों पर दबाव बनाने के लिए मोदी सरकार की एक पॉलिसी है। वह साफ कहते हैं कि इस देश में रहने वाला मुसलमान भी अपने मुल्क से उतना प्यार करता है जितना एक हिंदू या कोई दूसरा करता है। 
 
वेबदुनिया से बातचीत में मंजर भोपाली CAB बिल का विरोध करते हुए मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठा देते है। वह कहते हैं कि इससे बेवजह दो समुदायों के बीच दूरियां बढ़ जाएगी जो कि देश के लिए किसी भी तरह सहीं नहीं है। वह कहते हैं कि आज भले ही इसे सियासी फायदे के लिए किया जा रहा हो लेकिन इसका असर आने वाली कई पीढ़ियों तक देखने को मिलेगा। 
 
बातचीत में मंजर भोपाली एनआरसी और नागरिकता संशोधन बिल की तुलना नोटबंदी से करते हुए कहते हैं कि इसके पीछे भी सरकार को पछताने के सिवाए और कोई और विकल्प नहीं बचेगा।

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