Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

जब तक मोदी प्रधानमंत्री हैं, किसी भी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं

जब तक मोदी प्रधानमंत्री हैं, किसी भी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं
, सोमवार, 9 दिसंबर 2019 (23:51 IST)
नई दिल्‍ली। दिसंबर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि जब तक नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, जब तक भारत सरकार का धर्म संविधान ही है और देश में किसी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह विधेयक लाखों-करोड़ों शरणार्थियों को यातनापूर्ण नरक जैसे जीवन से मुक्ति दिलाने का साधन बनने जा रहा है जो लोग भारत के प्रति श्रद्धा रखते हुए हमारे देश में आए, उन्हें नागरिकता मिलेगी।

शाह ने कहा कि देश में एनआरसी आकर रहेगा और जब एनआरसी आएगा तब देश में एक भी घुसपैठिया बच नहीं पाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी रोहिंग्या को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।

विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं को खारिज करते हुए शाह ने कहा कि मैं सदन के माध्यम से पूरे देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह विधेयक कहीं से भी असंवैधानिक नहीं है और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता। उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसी धर्म के खिलाफ भेदभाव वाला नहीं है। 3 देशों के अंदर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के लिए है जो घुसपैठिए नहीं, शरणार्थी हैं।
webdunia

उन्होंने अपनी बात दोहराई कि अगर इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर नहीं होता तो मुझे विधेयक लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते हुए देश में किसी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। यह सरकार सभी को सम्मान और सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। जब तक मोदी प्रधानमंत्री हैं, संविधान ही सरकार का धर्म है।

उन्होंने बताया कि 1947 में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23 प्रतिशत थी। 2011 में 23 प्रतिशत से कम होकर 3.7 प्रतिशत हो गई। बांग्लादेश में 1947 में अल्पसंख्यकों की आबादी 22 प्रतिशत थी जो 2011 में कम होकर 7.8 प्रतिशत हो गई। शाह ने कहा कि भारत में 1951 में 84 प्रतिशत हिंदू थे जो 2011 में कम होकर 79 फीसदी रह गए, वहीं मुसलमान 1951 में 9.8 प्रतिशत थे जो 2011 में 14.8 प्रतिशत हो गए। उन्होंने कहा कि इसलिए यह कहना गलत है कि भारत में धर्म के आधार पर भेदभाव हो रहा है।

उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर भेदभाव न हो रहा है और न आगे होगा। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि भारत में धर्म के आधार पर भेदभाव हो रहा है। देश में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं हो रहा है और न आगे होगा। उन्होंने कहा, मैं दोहराना चाहता हूं कि देश में किसी शरणार्थी नीति की जरूरत नहीं है। भारत में शरणार्थियों के संरक्षण के लिए पर्याप्त कानून हैं।
webdunia

गृहमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना ने जिस द्विराष्ट्र नीति की बात की, उसे कांग्रेस ने क्यों स्वीकार किया। रोका क्यों नहीं। महात्मा गांधी ने विरोध किया था लेकिन कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन स्वीकार किया था, यह ऐतिहासिक सत्य है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश में ऐसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है जिसकी केरल में सहयोगी मुस्लिम लीग है और महाराष्ट्र में शिवसेना उसकी सहयोगी है।

शाह ने एनआरसी विफल होने के विपक्ष के कुछ सदस्यों के विचार पर कहा, मैं फिर से आश्वस्त करना चाहता हूं कि जब हम एनआरसी लेकर आएंगे तो देश में एक भी घुसपैठिया बच नहीं पाएगा। शाह ने कहा कि हमारा रुख साफ है कि इस देश में एनआरसी लागू होकर रहेगा। हमारा घोषणा पत्र ही इसकी पृष्ठभूमि है। शाह ने कहा कि एनआरसी और इस विधेयक में कोई संबंध नहीं है। वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को शरण देने की कोशिश करने वालों को हम सफल नहीं होने देंगे।

गृहमंत्री ने एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर कहा कि हमें मुसलमानों से कोई नफरत नहीं है। आप भी नफरत पैदा करने की कोशिश मत करना। उन्होंने साफ किया कि इस देश के किसी मुसलमान का इस विधेयक से कोई वास्ता नहीं है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

अभिनेता सुनील शेट्टी नाडा के ब्रांड एंबेसडर बनेंगे